UP News: उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म समपरिवर्तन प्रतिषेध संशोधन विधेयक अब 2020 की तुलना में ज्यादा कड़ा होगा. आपको बता दें कि लव जिहाद जैसे मामलों पर बनने वाला यह नियम पहले की तुलना में अधिक सख्त होगा. मिली जानकारी के अनुसार, इसमें सजा की अवधि और जुर्माना दोनों को बढ़ाया जा रहा है. मालूम हो कि 2020 में योगी सरकार ने पहले उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म समपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक पास किया था. तब इसमें अधिकतम 10 साल की सजा थी, लेकिन अब इसमें आजीवन कारावास की सजा हो सकती है.
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जानें नए विधेयक में क्या-क्या होगा?
बता दें कि नए विधेयक में अगर किसी नाबालिग, दिव्यांग, मानसिक रूप से दुर्बल व्यक्ति, महिला, एससी-एसटी शख्स का धर्म परिवर्तन कराया जाता है, तो दोषी को अधिकतम आजीवन कारावास या पांच लाख रुपये के जुर्माने की सजा का प्रावधान किया गया है. बहला-फुसला कर शादी करने, नाबालिक, एससी-एसटी का धर्म परिवर्तन करने पर उम्र कैद का प्रावधान होगा. विदेशी या गैर कानूनी संस्थाओं से फंडिंग लेने पर 14 साल तक की सजा और 10 लाख जुर्माने का प्रावधान किया जा रहा है.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कथित 'लव जिहाद' पर अंकुश लगाने के इरादे से यह पहल की थी. नवंबर 2020 में इसके लिए अध्यादेश जारी किया गया और बाद में उत्तर प्रदेश विधानमंडल के दोनों सदनों से विधेयक पारित होने के बाद उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम-2021 को कानूनी रूप में मान्यता मिली. आज यानी मंगलवार को विधानसभा में यह संशोधित विधेयक पारित करने के लिए सदन के पटल पर रखा जाएगा.
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