AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच के कथित बयान सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं. सोशल मीडिया पर दोनों नेताओं के कथित बयानों के साथ एक पोस्टकार्ड शेयर किया जा रहा है. इस पोस्टकार्ड में ओवैसी के हवाले से लिखा है, “पत्थर को भूख नहीं लगती, शिवलिंग पर दूध चढ़ाना बंद करे हिंदू.” तो वहीं, योगी आदित्यनाथ के हवाले से लिखा है, “मुर्दे को ठंड नहीं लगती, मजारों पर चादर चढ़ाना बंद करे मुसलमान”.
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच शिवलिंग और मजारों को लेकर कोई बयानबाजी हो रही है?
खबर लिखे जाने तक इस पोस्टकार्ड को शेयर करने वाले एक इंस्टाग्राम पोस्ट को करीब 3 हजार लोग लाइक कर चुके थे.
एक फेसबुक यूजर ने ये पोस्टकार्ड शेयर करते हुए लिखा, “ये कोई मुस्लिम राष्ट्र नहीं है औवेसी, मां महादेव और प्रभु, श्री राम का देश है जहां फूल, प्रसाद चढ़ता है ना कि किसी बेजुबान का कत्ल कर उसका रक्त बहाया जाता है.”
हमारे सहयोगी चैनल आजतक ने फैक्ट चेक में पाया कि ये दोनों ही बयान फर्जी हैं. न तो असदुद्दीन ओवैसी ने शिवलिंग के बारे में ऐसा कोई बयान दिया है और न ही योगी आदित्यनाथ ने मजारों को लेकर ऐसी कोई बात कही है.
कैसे पता चली सच्चाई?
कीवर्ड सर्च करने पर हमें ओवैसी या योगी आदित्यनाथ के ऐसे किसी बयान से संबंधित कोई खबर नहीं मिली. इस बारे में थोड़ी खोजबीन करने पर हमें 30 अक्टूबर, 2021 का एक एक्स पोस्ट मिला जिसमें इन्हीं बयानों के साथ बॉलीवुड एक्टर आमिर खान और पायल रोहतगी का नाम लिखा हुआ है. इस पोस्ट के मुताबिक शिवलिंग वाला बयान आमिर खान और उसका जवाब यानी मजार वाला बयान पायल रोहतगी का था.
हमने योगी आदित्यनाथ के मीडिया एडवाइजर मृत्युंजय कुमार से इस बारे में बातचीत की. मृत्युंजय ने हमें बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मजार को लेकर ऐसा कोई बयान नहीं दिया है. वहीं, सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी आजतक से बात करते हुए कहा कि उन्होंने न तो कभी किसी मजहब के खिलाफ ऐसा कुछ बोला है और न ही वो कभी ऐसा बोलेंगे.
साफ है कि सोशल मीडिया पर असदुद्दीन ओवैसी और योगी आदित्यनाथ के नाम पर मनगढ़ंत बयान शेयर किए जा रहे हैं जिससे लोगों में भ्रम फैल रहा है.
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