केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार, 31 दिसंबर को कहा कि इत्र कारोबारी पीयूष जैन के यहां से छापेमारी में बरामद करीब 200 करोड़ रुपये की नकदी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की नहीं है. उन्होंने कहा कि छापेमारी की कार्रवाई कदम उठाने लायक खुफिया जानकारी के आधार पर की गई थी.
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माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘यह भारतीय जनता पार्टी का पैसा नहीं है.’’ उनसे विपक्ष के आरोपों के बारे में सवाल किया गया था.
विपक्षी दलों का आरोप है कि उत्तर प्रदेश के कन्नौज में इत्र कारोबारी पीयूष जैन के यहां से बरामद 197.49 करोड़ रुपये बीजेपी का धन है और कर अधिकारियों ने जैन के यहां छापेमारी ‘भूलवश’ कर दी और अब उन दूसरे जैन व्यापारी के यहां छापेमारी की जा रही है, जिनके यहां वास्तव में छापेमारी पहले की जानी चाहिए थी.
कार्रवाई का बचाव करते हुए सीतारमण ने कहा कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव छापेमारी से ‘घबरा’ गए हैं. उन्होंने कहा, ‘‘आपको कैसे पता कि यह पैसा किसका है? क्या आप उसके साझेदार हैं? क्योंकि केवल साझेदारों को ही पता होता है कि किसका पैसा रखा गया है.’’
छापेमारी की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताने के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि अगर ऐसा होता तो आय कर अधिकारी कार्रवाई के बाद खाली हाथ लौटते. उन्होंने कहा कि शुक्रवार को छापेमारी की जो कार्रवाई की जा रही है वह भी पुख्ता सूचनाओं के आधार पर ही की जा रही है.
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