Om Prakash Rajbhar News: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने बृहस्पतिवार को मंत्री पद की शपथ लेने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि अगर पुलिस दौड़ाये तो नेता बन जाओ, पुलिस खुद तुम्हें सलामी देगी. राजभर ने मऊ के मोहम्मदाबाद क्षेत्र में पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, 'मैं कहता हूं किसी थाने पर जाओ और वहां जाने के बाद थोड़ी सी दिक्कत है तो सफेद गमछा मत लगाओ. एक पीला गमछा लगा लो. इस गमछे को लगाकर जब आप थाने पर जाओगे तो दरोजा जी को आपकी शक्ल में ओमप्रकाश राजभर नजर आएंगे. यह है पावर. जाकर बता देना कि मंत्री जी ने भेजा है.' ओम प्रकाश राजभर की मंच से जनता के बीच कही गई बातों का वीडियो वायरल हो रहा है।
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उन्होंने कहा, 'दरोगा जी के पास पावर नहीं है कि मंत्री जी को फोन करें और पूछें कि भेजा है या नहीं. एसपी को भी पावर नहीं है. डीएम को भी पावर नहीं है. आज जिस मुकाम पर हम खड़े हैं, पुलिस महानिदेशक को भी पावर नहीं है कि वह हमसे पूछे कि आपने भेजा है या नहीं भेजा है.'
राजभर ने मंच पर अपने पीछे खड़े एक व्यक्ति की तरफ इशारा करते हुए कहा, 'यह पासवान जी हैं. जब इनसे हमारी पहली मुलाकात हुई थी, तब इन्होंने कहा था कि साहब पुलिस बहुत दौड़ा रही है, हमने पूछा क्यों दौड़ा रही है. कहा कि साहब पता नहीं क्यों दौड़ा रही है. हमने कहा नेता बन जाओ तो इन्होंने पूछा कि साहब इससे क्या होगा. हमने कहा कि बन जाओ और देखो क्या होता है. इन्होंने हमारी बात मानी है और कुछ ही समय के बाद जिला पंचायत का चुनाव आया और गाजीपुर से इनको जिला पंचायत का चुनाव जितवा दिया तो जो सिपाही इनको दौड़ा रहा था वही सिपाही इन्हें सैल्यूट मारने लगा.'
राजभर ने कहा था, 'मैंने ललकार कर कहा था कि मंत्री बनूंगा और जिस दिन मंत्रिमंडल का विस्तार होगा......उस दिन मंत्री बनाकर दिखा दूंगा.' उन्होंने कहा, 'इस देश में सबसे बड़ी पावर कहां है.... प्रधानमंत्री जी और गृह मंत्री जी के यहां. ओम प्रकाश राजभर का वहां सीधा कनेक्ट है. उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ी पावर कहां है.... मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के यहां। कल आप लोगों ने देखा कि मुख्यमंत्री जी बैठकर ओमप्रकाश राजभर को शपथ दिला रहे थे.'
गौरतलब है कि ओमप्रकाश राजभर समेत चार मंत्रियों को पांच मार्च को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी. राजभर की पार्टी ने वर्ष 2022 का विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करके लड़ा था और उसे छह सीटों पर जीत हासिल हुई थी. राजभर ने बाद में सपा से नाता तोड़कर भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का दामन थाम लिया था.
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