वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर में वीडियोग्राफी-सर्वे के दौरान सोमवार को वजूखाने में कथित रूप से शिवलिंग मिलने के बाद अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. अब इस मामले में ताजा बयान बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की प्रमुख मायावती की ओर से बुधवार को आया. मायावती ने बुधवार को प्रेसनोट जारी कर कहा कि देश में निरंतर बढ़ रही गरीबी, बेरोजगारी व मंहगाई से जनता का ध्यान हटाने के लिए भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दल धार्मिक स्थलों से जुड़े मुद्दे उठा रहे हैं.
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बीएसपी प्रमुख ने कहा,
”देश में गरीबी, बेरोजगारी निरंतर बढ़़ रही है और आसमान छू रही मंहगाई आदि मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने के लिए भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी संगठन धार्मिक स्थलों से जुड़े मुद्दे उठा रहे हैं. इससे यहां कभी भी हालात बिगड़ सकते हैं.”
मायावती
उन्होंने कहा, “ज्ञानवापी, मथुरा, ताजमहल आदि की आड़ में जिस प्रकार से षडयंत्र के तहत लोगों की धार्मिक भावनाओं को भड़काया जा रहा है, इससे देश मजबूत नहीं बल्कि कमजोर होगा.”
बीएसपी मुखिया ने कहा, “इसके साथ ही एक विशेष समुदाय से जुड़े स्थानों के नाम भी एक-एक करके बदले जा रहे हैं जिससे देश में नफरत और द्वेष की भावना पैदा होगी. यह अति चिंताजनक है. देश की आम जनता व सभी धमरों के लोग सर्तक रहें.”
ज्ञानवापी मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुनाते हुए निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक नहीं लगाई. इसके साथ सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कथित तौर पर शिवलिंग जो मिला है उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी है और नमाजियों को भी रोकना नहीं है.
सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, “हम आदेश जारी करेंगे की जिला मस्जिट्रेट उस जगह की सुरक्षा करें जहां शिवलिंग मिला है, लेकिन ये लोगों के नमाज अदा करने के रास्ते में नहीं आना चाहिए.”
गौरतलब है कि वाराणसी की एक स्थानीय अदालत के आदेश पर ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर किए गए सर्वे का काम सोमवार को समाप्त हुआ. हिन्दू पक्ष का दावा है कि मस्जिद के वजू खाने में शिवलिंग मिला है. हालांकि मुस्लिम पक्ष शिवलिंग मिलने के दावे को गलत ठहरा रहा है. उसका कहना है कि मुगल काल की मस्जिदों में वजू खाने के अंदर फव्वारा लगाए जाने की परंपरा रही है. उसी का एक पत्थर सर्वे में मिला है, जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है.
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