UP विधानसभा मॉनसून सत्र: यूपी विधानसभा 22 सितंबर को एक नया इतिहास रचेगी. विधानसभा में महिला विधायक अपनी आवाज बुलंद करेंगी. प्रदेश के मुखिया और नेता सदन योगी आदित्यनाथ तथा नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव उनको सुनेंगे. अपनी तरह का ये पहला प्रयास होगा जिसमें सिर्फ महिला विधायकों को ही बोलने का मौका मिलेगा. और वो महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य, शिक्षा और लैंगिक भेदभाव जैसे मुद्दे उठाएंगी.
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22 सितंबर का दिन यूपी विधानसभा के लिए खास होगा. सदन में कार्यवाही का पूरा दिन महिलाओं के नाम होगा. विधानसभा सत्र में इस बार एक नई पहल हो रही है. सदन में पूरे दिन महिलाओं से संबंधित मुद्दों को आवाज देते महिला जनप्रतिनिधियों की आवाज सुनाई देगी. महिला विधायकों को बोलने का मौका मिलेगा. महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा, सामाजिक स्थिति और लैंगिक भेदभाव जैसे मुद्दों पर विषय उठाकर उस पर सदन में चर्चा की जाएगी. ये पहली बार है जब देश की किसी विधानसभा में इस तरह की पहल की जा रही है.
कम से कम 3 मिनट और ज्यादा से ज्यादा 8 मिनट तक बोल सकती हैं महिला विधायक
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने इस दिन के लिए खास तैयारी की है. 19 सितंबर से शुरू हुए मॉनसून सत्र की शुरुआत में ही सभी दलों की महिला विधायकों से इस खास दिन को लेकर चर्चा की गई थी, जिससे सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष भी इसमें शामिल हो सकें. हर महिला विधायक कम से कम 3 मिनट और ज्यादा से ज्यादा 8 मिनट का समय बोलने के लिए दिया जाएगा. उसमें महिला विधायकों को अपने तय मुद्दे पर बात रखनी होगी.
महिला सशक्तिकरण के साथ महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा, उनको मिलने वाले अवसर और लैंगिक भेदभाव को लेकर महिला विधायक अपनी बात रख सकती हैं. यूपी विधानसभा के अध्यक्ष कहते हैं
“मेरी जानकारी के अनुसार ये पहला मौका है जब कोई विधानसभा इस तरह की पहले कर रही है. 47 महिला विधायक हैं और मैं चाहता हूं सब महिलाओं को बोलने का मौका मिले. महिलाओं की सामाजिक भागीदारी, राजनीति में भागीदारी, जेंडर इक्वालिटी पर बोलें उनको क्या समस्याएं आती हैं उनको कैसे अड्रेस किया जा सकता है, इस पर बोलें और अपना सुझाव दें”
सतीश महाना
यूपी सीएम ने महिला विधायकों को लिखा पत्र
इस ऐतिहासिक मौके से पहले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी महिला विधायकों को एक पत्र भी लिखा है. सीएम योगी ने अपने पत्र में लिखा है कि ‘मिशन शक्ति के अंतर्गत केंद्र और राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण से जुड़ी योजनाओं और कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन से देश और दुनिया में उत्तर प्रदेश का परसेप्शन बदला है…’
इसके साथ ही मिशन शक्ति अभियान की उपलब्धियों से जुड़ी सामग्री भी महिला विधायकों को भेजी गई है. जाहिर है जहां सत्ता पक्ष की विधायक केंद्रीय और राज्य की योजनाओं से महिलाओं को होने वाले लाभ पर अपनी बात रख सकती हैं वहीं विपक्ष की महिला विधायकों की नजर महिला सुरक्षा और महिलाओं के खिलाफ अपराध पर होगी. पहली बार इस तरह का मौका होने की वजह से इसकी तैयारी की जा रही है.
बीजेपी विधायक नीलिमा कटियार कहती हैं ‘सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए काम कर रही है।एंटी रोमियो स्क्वॉड हो या मिशन शक्ति महिलाओं के लिए प्रतिबद्ध हैं हम।ऐसे में यहाँ महिला विधायक बोलेंगी तो उत्तर प्रदेश की गाँव और दूर दराज़ के इलाक़ों की महिलाएँ भी इन प्रतिनिधियों की आवाज़ में में अपनी प्रतिध्वनि महसूस करेंगी।’
सिर्फ महिलाएं होंगी विजिटर्स गैलरी में
हालांकि इस खास पहल में महिला विधायक अपनी बात रखेंगी पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव भी बोलेंगे. इस पहल के बारे में शाहाबाद से विधायक और योगी सरकार में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी कहती हैं कि ‘कई महिला विधायक बोलती हैं और अपने क्षेत्र की बात को भी रखती हैं. पर इस पहल से जो पहली बार चुनकर आई महिला विधायक हैं उनको भी सदन में बोलने का मौका मिलेगा. कई मुद्दों पर सार्थक चर्चा होगी.’
एक खास बात और है कि महिलाओं को ही इस दिन विजिटर्स गैलेरी में बैठकर सदन की कार्यवाही देखने का मौका मिलेगा. इसके लिए ख़ास तौर कर डॉक्टर, शिक्षिका और स्वयंसेवी संस्थाओं से जुड़ी महिलाओं को आमंत्रित किया गया है. ये महिलाएं यहां बैठ कर सदन की इस पहल को देखेंगी, महिला विधायकों को सुनेंगी. प्रदेश में जो रही घटनाओं को देखते हुए भी ये अहम है कि महिला विधायक किस तरह से अपनी बात रखती हैं. विधान परिषद में 6 महिला विधायक हैं. वहां भी महिला सशक्तिकरण के मुद्दे पर चर्चा होगी जिसमें महिला विधायकों को प्राथमिकता दी जाएगी.
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