इंडिया गठबंधन की बैठक पर मायावती की नजर! बसपा के लिए कांग्रेस का है ऐसा रुख

कुमार अभिषेक

19 Dec 2023 (अपडेटेड: 19 Dec 2023, 10:39 AM)

Uttar Pradesh News : राजधानी दिल्ली में मंगलवार को I.N.D.I.A. गठबंधन की बेहद अहम बैठक होने जा रही है. इस बैठक में विपक्षी दल 2024…

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Uttar Pradesh News : राजधानी दिल्ली में मंगलवार को I.N.D.I.A. गठबंधन की बेहद अहम बैठक होने जा रही है. इस बैठक में विपक्षी दल 2024 लोकसभा चुनाव की रणनीति बनाएंगे. हालांकि, हाल के दिनों में कांग्रेस और कुछ विपक्षी दलों (Indi Alliance Meeting) के बीच तनातनी के दौर में हो रही इस बैठक में क्या सहमति बनती है इसपर सभी की निगाहें रहेंगी. वहीं बीएसपी के शीर्ष नेतृत्व ने आज इस मीटिंग पर अपनी नजर गड़ा रखी है कि क्या उसे लेकर इस मीटिंग में कोई चर्चा होती है या नहीं.

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बैठक पर बसपा की भी रहेगी नजर

I.N.D.I.A. गठबंधन की इस मीटिंग में हालांकि चर्चा अब पार्टियों के सीटों के फार्मूले पर होनी है लेकिन सोमवार शाम दिल्ली में यूपी कांग्रेस की राहुल और प्रियंका के साथ बैठक में बसपा को साथ लाने का मुद्दा उठा. कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व ने बसपा को भी साथ लाने की जरूरत पर जोर दिया जबकि बताया जा रहा है कि प्रमोद तिवारी का ग्रुप समाजवादी पार्टी के साथ ही हर हाल में बना रहना चाहता है. ऐसे में कांग्रेस बीएसपी को लेकर उत्तर प्रदेश में संभावनाएं टटोल सकती है. एक चर्चा यह है कि कांग्रेस पार्टी आज होने वाली इंडिया ब्लॉक की बैठक में बीएसपी को गठबंधन में साथ लाने की कोशिश को मीटिंग में रख सकती है.

बसपा ने दिखाई है नरमी

हालांकि ना तो कांग्रेस और ना ही बीएसपी की तरफ से आपस में किसी बातचीत के कोई खुले संकेत मिले हैं. लेकिन जिस तरीके से बीएसपी ने चुनाव के बाद से गठबंधन को लेकर अपने स्टैंड में थोड़ी नरमी लाई है. उसके बाद से यह चर्चा है कि बीएसपी को अगर सम्मानजनक तरीके से लाने की कोशिश की जाए तो उसे भी गठबंधन का हिस्सा बनाया जा सकता है.

सपा ने दिया है ये फॉर्मूला

अखिलेश यादव हर हाल में यूपी की इस गठबंधन में अपनी बादशाहत रखना चाहेंगे और अगर सपा की बात की जाए तो उनके प्रवक्ता पहले 65:15 का फार्मूला दे चुके हैं. यानी 65 सीटें समाजवादी पार्टी लेगी और बाकी 15 में कांग्रेस और RLD होगी. ऐसे में बीएसपी को साथ लाने में समाजवादी पार्टी को बड़ी कुर्बानी देनी होगी. अब सब कुछ इंडिया गठबंधन के बड़े नेताओं की कोशिशों पर निर्भर करता है कि क्या मायावती को भी लाने की कोई गंभीर कोशिश होती है या नहीं.

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