कासगंज: 8 साल से टूटी पड़ी थी सड़क, सपा नेता ने उसपर कर दी धान की रोपाई, चेतावनी भी दी

आर्येंद्र सिंह

• 05:28 AM • 13 Jul 2022

कासगंज जिले के ग्रामीण इलाकों में करीब आठ सालों से टूटी पड़ी सडक पर समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता अब्दुल हफीज गांधी ने अपने…

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कासगंज जिले के ग्रामीण इलाकों में करीब आठ सालों से टूटी पड़ी सडक पर समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता अब्दुल हफीज गांधी ने अपने साथियों के साथ एक अनोखा प्रदर्शन किया है. बता दें कि अब्दुल हफीज गांधी ने गड्ढों में तब्दील सड़क पर धान की रोपाई कर बदहाल सड़क की योगी सरकार से मरम्मत करने की मांग की.

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दरअसल, उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने सत्ता हासिल करने के बाद प्रदेश के सभी जिलों की सड़कें गड्ढा मुक्त करने का फैसला लिया था. मगर योगी सरकार की गड्ढा मुक्त अभियान की तारीख-दर-तारीख आगे खिंचती चली गई. आज ऐसी ही सड़कों को गड्ढा मुक्त कराने के लिए विपक्ष ने हमला बोल दिया है.

मिली जानकारी के अनुसार, कासगंज के पटियाली तहसील क्षेत्र की नगर पंचायत भरगैन को दरियावगंज से जोड़ने वाली सड़क पिछले 8 सालों से जर्जर हालत में पड़ी है. सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं. अंदर की गिट्टियां उखड़ कर ऊपर आ गई हैं, जिससे लोगों का इस सड़क से गुजरना मुश्किल हो गया है.

आपको बता दें कि इस सड़क का निर्माण समाजवादी पार्टी के कार्यकाल में पटियाली से सपा विधायक रहीं नजीबा खान जीनत ने करवाया था. तब से लेकर अब तक इस सड़क की किसी ने सुध नहीं ली है.

वहीं, अब अनूठा विरोध प्रदर्शन करते हुए सपा नेता अब्दुल हफीज गांधी ने सड़क पर हो रहे गड्ढों में पानी भरकर धान के पौधों की रोपाई की है. साथ ही उन्होंने प्रशासन और सरकार से इस सड़क को जल्द से जल्द बनवाए जाने की मांग भी की है.

यूपी से बातचीत में सपा नेता ने कहा,

“देखिए अभी हम खड़े हुए हैं पटियाली विधानसभा क्षेत्र के भरगैन गांव में. भरगैन से यह रोड दरियागंज की ओर जाती है. जो करीब चार-पांच किलोमीटर की है. पिछले 8 सालों से जर्जर हालत में है. सरकार द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.”

अब्दुल हफीज गांधी

उन्होंने आगे कहा, “भरगैन वासी और आसपास के गांव के सभी लोग परेशान हैं. आज हमने एक अनोखा तरीका अपनाया है. शासन प्रशासन कुंभकरण की नींद सो रहा है. उस को जगाने के लिए यह प्रदर्शन किया है. जब सड़कों का इस्तेमाल आने जाने के लिए नहीं हो सकता, तो हमने धान की रोपाई की है. कम से कम इसका इस्तेमाल खेती के लिए ही कर सकें. अब भी यह सरकार नहीं जागेगी, तो हम धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे.”

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