यूपी चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद हर कोई यह जानना चाहता है कि विधानसभा की नई स्ट्रेंथ में किस जाति और धर्म का कितना प्रतिनिधित्व है. किस जाति के विधायकों की संख्या सबसे ज्यादा है? कितने मुस्लिम विधायक चुनकर आए हैं? आइये आपको सिलसिलेवार इसकी जानकारी देते हैं.
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नए विधायकों में एक बार फिर ब्राह्मणों का जलवा सबसे ज्यादा नजर आ रहा है. संख्याबल की बात करें तो 46 ब्राह्मण विधायक भाजपा गठबंधन से जीते हैं, जबकि पांच सपा से और एक कांग्रेस से. कुल 52 ब्राह्मण विधायक विधानसभा पहुंचे हैं.
इस बार यूपी में राजपूत विधायकों की संख्या घटी है. बीजेपी से 41 ठाकुर/राजपूत विधायक जीते हैं. बीजेपी गठबंधन से 43 राजपूत विधायक जीते हैं. सपा से चार, बसपा से एक और राजा भैया की पार्टी से अकेले राजा भैया जीते हैं. इस हिसाब से यूपी में कुल 49 ठाकुर विधायक जीते हैं.
तीसरे नंबर पर जीतने वाले सबसे बड़ी संख्या कुर्मियों की रही, जिसमें 27 बीजेपी गठबंधन से 13 सपा गठबंधन से और एक कांग्रेस पार्टी से हैं. कुल मिलाकर 41 कुर्मी जाति के विधायक सदन पहुंचे हैं.
इस बार कुल 34 मुस्लिम विधायक विधानसभा पहुंचे हैं. खास बात यह है कि इन सभी विधायकों को समाजवादी पार्टी से जीत मिली है.
दलित विधायकों की संख्या में BJP आगे
दलितों में इस बार बीजेपी ने फिर बाजी मारी है और खासकर जाटव से सबसे ज्यादा विधायक बीजेपी से जीते हैं. 19 जाटव बीजेपी से विधायक चुनकर आए हैं, जबकि 10 समाजवादी पार्टी गठबंधन से. बसपा ने सबसे ज्यादा जाटवों का वोट पाया लेकिन उनका एक भी विधायक नहीं जीता.
दलित में जाटवों के बाद दूसरी सबसे बड़ी बिरादरी पासी है. यहां भी बीजेपी सबसे आगे रही, पासी समाज के 18 लोग बीजेपी से विधायक हुए हैं, जबकि 8 समाजवादी पार्टी से और एक राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल से.
इस बार यादवों की कुल संख्या सदन में 27 है, जिसमें से 24 समाजवादी पार्टी से हैं और तीन बीजेपी से जीत कर आए हैं. बनिया और खत्री बिरादरी में बीजेपी का फिर जलवा रहा. 22 में से 21 बीजेपी से जीते हैं जबकि एक समाजवादी पार्टी से.
पिछड़ी जाति में लोध एक बार फिर बीजेपी के साथ खड़े दिखाई दिए. इस जाति से कुल 18 लोग जीतकर सदन पहुंचे हैं, जिसमें से 15 बीजेपी से जीते हैं जबकि तीन समाजवादी पार्टी से.
जानें जाट विधायक किसके पास कितने?
जाट एक बार फिर बड़ी तादाद में जीत कर आए हैं. कुल 15 जाट विधायक सदन में पहुंचे हैं. इनमें 8 बीजेपी से और 7 समाजवादी पार्टी गठबंधन से विधायक बने हैं.
गैर यादव ओबीसी में बीजेपी ने फिर बाजी मारी है. मौर्य, कुशवाहा, शाक्य और सैनी में बीजेपी ने 12 सीटें जीती हैं, जबकि समाजवादी गठबंधन को सिर्फ 2 सीटें मिली है इस जाति की. इसके अलावा जो दूसरी गैर यादव ओबीसी उसमें भी बीजेपी सपा से काफी आगे रही है. बीजेपी को 7 और समाजवादी पार्टी गठबंधन को 3 सीटें मिली हैं.
निषाद, बिंद, कश्यप मल्लाह इन जातियों में भी सबसे ज्यादा 6 विधायक बीजेपी गठबंधन से सदन में पहुंचे हैं, जबकि सपा से सिर्फ 2 विधायक आए हैं.
कलवार, तेली, सोनार जातियों से भी बीजेपी सबसे ज्यादा 6 सीटें जीतने में कामयाब रही है, जबकि 1 सीट समाजवादी पार्टी गठबंधन को मिली है. गुर्जर बरादरी से बीजेपी के पांच जबकि सपा के 2 विधायक जीते हैं.
राजभर बिरादरी में समाजवादी पार्टी गठबंधन ने बाजी मारी है. सपा गठबंधन से तीन राजभर जीत कर आए हैं, जबकि बीजेपी से एक. भूमिहार बिरादरी के 5 विधायक बने हैं, जिसमें से चार बीजेपी से और एक समाजवादी पार्टी गठबंधन से.
दलितों की धोबी बिरादरी से BJP के 4 विधायक जीते हैं. खटीक जाति से 5 विधायक जीते हैं, जिसमें से 4 बीजेपी से और एक सपा गठबंधन से हैं. कायस्थ जाति से 3 विधायक जीते हैं. ये सभी बीजेपी से जीते हैं. वाल्मीकि जाति से एक सीट बीजेपी को मिली है जबकि एक सिख विधायक भी BJP से जीते हैं.
जाट, ब्राह्मण, यादव, मुस्लिम…जानिए यूपी में इस बार किस जाति-धर्म ने किसे दिया कितना वोट
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