बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) चीफ मायावती ने 26 नवंबर को ‘संविधान दिवस’ के मौके पर अपना एक बयान जारी किया. इस दौरान उन्होंने ‘कमजोर और उपेक्षित वर्गों’ का जिक्र करते हुए विरोधी दलों को निशाने पर लिया.
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मायावती ने कहा, ”भारत के संविधान में देश के कमजोर और उपेक्षित वर्गों के लोगों के लिए आरक्षण और अन्य जरूरी सुविधाओं का जो भी प्रावधान किया गया है, इस लंबी अवधि में भी उसका पूरा लाभ इन वर्गों को नहीं मिल पा रहा है. जिसको लेकर इन वर्गों के लोग और हमारी पार्टी भी बहुत ज्यादा दुखी और चिंतित है. केंद्र और सभी राज्य सरकारें इस ओर जरूर ध्यान दें. बीएसपी की यह सलाह है.”
इसके आगे बीएसपी चीफ ने कहा, ”इन वर्गों के लोगों को खासकर एसपी जैसी उन पार्टियों से भी जरूर सावधान रहना चाहिए, जिसने एससी-एसटी आरक्षण संबंधी बिल संसद में फाड़ दिया था. बिल को फिर षड्यंत्र के तहत पास भी नहीं होने दिया गया. इन जैसी पार्टियां कभी भी इन वर्गों का विकास और उत्थान आदि नहीं कर सकती हैं.”
उन्होंने कहा कि एसएसी-एसटी और ओबीसी वर्गों का ज्यादातर विभागों में आरक्षण का कोटा अधूरा पड़ा है, जिसको लेकर ये दुखी और पीड़ित लोग आए दिन सड़कों पर धरना-प्रदर्शन आदि करते रहते हैं, इन वर्गों के लिए प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण देने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. मायावती ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें इस बारे में कानून बनाने के लिए भी तैयार नहीं हैं.
बीएसपी चीफ ने कहा, ”केंद्र और राज्य सरकारें इस बात की गहन समीक्षा करें कि क्या ये पार्टियां संविधान का सही से पालन कर रही हैं? अर्थात नहीं कर रही हैं इसलिए हमारी पार्टी ने केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा संविधान दिवस मनाने के कार्यक्रम में हिस्सा न लेने का फैसला किया है.”
इसके अलावा मायावती ने बताया, ”हमारी पार्टी के वरिष्ठ विधायक उमाशंकर सिंह को बीएसपी विधानमंडल दल का नेता बना दिया गया है.”
गौरतलब है कि बीएसपी के विधानमंडल दल के नेता और आजमगढ़ की मुबारकपुर विधानसभा सीट से विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने गुरुवार को अपने पद और सदन से इस्तीफा दे दिया था.
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