बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) चीफ मायावती ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में 5 सितंबर को हुई ‘किसान महापंचायत’ को लेकर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इस महापंचायत में ‘हिंदू-मुस्लिम साम्प्रदायिक सौहार्द के लिए हुई कोशिश’ की सराहना की है. इसके साथ ही उन्होंने समाजवादी पार्टी (एसपी), भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस को निशाने पर भी लिया है.
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मायावती ने 6 सितंबर को ट्वीट कर कहा है, ”यूपी के मुजफ्फरनगर जिले में कल हुई किसानों की जबरदस्त महापंचायत में हिंदू-मुस्लिम साम्प्रदायिक सौहार्द के लिए भी प्रयास अति-सराहनीय. इससे निश्चय ही 2013 में एसपी सरकार में हुए भीषण दंगों के गहरे जख्मों को भरने में थोड़ी मदद मिलेगी, लेकिन यह बहुतों को असहज भी करेगी.”
अगले ट्वीट में बीएसपी चीफ ने कहा है, ”किसान देश की शान हैं और हिंदू-मुस्लिम भाईचारा के लिए मंच से साम्प्रदायिक सौहार्द के लिए लगाए गए नारों से बीजेपी की नफरत से बोई हुई उनकी राजनीतिक जमीन खिसकती हुई दिखने लगी है और मुजफ्फरनगर ने कांग्रेस व एसपी के दंगा-युक्त शासन की भी याद लोगों के मन में ताजा कर दी है.”
बता दें कि मुजफ्फरनगर जिले में, अगस्त-सितंबर 2013 में दो समुदायों के बीच संघर्ष हुआ था. इसकी वजह से उन दोनों समुदायों के 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी.
मायावती ने हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की किस कोशिश का किया जिक्र?
बता दें कि केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले करीब नौ महीने से आंदोलन कर रहे किसान नेताओं ने 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में ‘किसान महापंचायत’ की थी. इस दौरान भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने दावा किया, ”इस तरह की सरकारें अगर देश में होंगी तो ये दंगे करवाने का काम करेंगी.”
इसके आगे उन्होंने कहा कि जब टिकैत साहब (राकेश टिकैत के पिता महेंद्र टिकैत) थे, तब हर-हर महादेव और अल्लाहु-अकबर के नारे इसी धरती से लगते थे.
यह कहते हुए राकेश टिकैत ने महापंचायत में अल्लाहु-अकबर का नारा भी लगाया और उनके साथ-साथ वहां मौजूद भीड़ ने भी नारा लगाया.
राकेश टिकैत ने कहा, ”ये नारे हमेशा लगते रहेंगे, यहां दंगा नहीं होगा, ये तोड़ने का काम करेंगे, हम जोड़ने का काम करेंगे.”
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