UP Political News: उत्तर प्रदेश सरकार ने समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और रामपुर नगर से दस बार विधायक रह चुके मोहम्मद आजम खान को दी गई ‘वाई’ श्रेणी सुरक्षा वापस ले ली है. सरकार का कहना है कि अब इसकी आवश्यकता नहीं है. वहीं, यूपी सरकार द्वारा आजम से सुरक्षा वापस लिए जाने पर राजनीति शुरू हो गई. विपक्षी पार्टियां इस मुद्दे पर सूबे की योगी सरकार पर हमलावर हैं. इसी कड़ी में आज आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद ने भी ट्वीट किया है. उन्होंने कहा कि आजम के साथ कोई अनहोनी होती है तो उसके लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार होगी.
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चंद्रशेखर ने ट्वीट कर कहा, “यूपी सरकार द्वारा पूर्व कैबिनेट मंत्री और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान जी की सुरक्षा हटाना दुर्भावना पूर्ण कृत्य है. प्रदेश सरकार आजम खान जी के साथ बदले की भावना से कार्य कर रही है. अगर उनके साथ कोई अनहोनी होती है तो प्रदेश की भाजपा सरकार उसकी जिम्मेदार होगी. यूपी सरकार को आजम खान जी की सुरक्षा तत्काल बहाल करनी चाहिए.”
सुरक्षा हटाने को लेकर पुलिस ने कही ये बात
रामपुर के अपर पुलिस अधीक्षक डॉक्टर संसार सिंह ने बताया कि सुरक्षा मुख्यालय से पुलिस अधीक्षक का एक पत्र प्राप्त हुआ था, जिसमें उल्लेखित है कि पूर्व विधायक आजम खान को प्रदत्त ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने का कोई औचित्य नहीं है. उन्होंने कहा कि इस आदेश के क्रम में उनकी सुरक्षा वापस ले ली गई है. सिंह ने बताया कि ‘वाई’ श्रेणी के तहत खान को तीन सशस्त्र पुलिसकर्मी उपलब्ध कराए गए थे और उनके आवास पर गार्ड की तैनात थी. उन्होंने बताया कि खान की सुरक्षा में तैनात सभी सुरक्षाकर्मियों को वापस रामपुर पुलिस लाइन बुला लिया गया है.
पिछले साल चली गई थी आजम की विधायकी
गौरतलब है कि वरिष्ठ सपा नेता खान ने 2022 के विधानसभा चुनावों में 10वीं बार रामपुर सीट से जीत हासिल की थी. विधायक चुने जाने पर खान ने रामपुर लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था. उत्तर प्रदेश में रामपुर की एमपी/एमएलए अदालत ने खान को भड़काऊ भाषण देने के मामले में पिछले साल अक्टूबर में दोषी करार देते हुए तीन साल कैद और छह हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी. बाद में उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी.
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