UP Political News: 2019 के लोकसभा चुनाव से ऐन पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मोर्चा खोलकर भाजपा गठबंधन से नाता तोड़ने वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर एक बार फिर भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल हो गए हैं. सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा खूब रहती है कि राजभर और सीएम योगी में छत्तीस का आंकड़ा रहता है यानी दोनों में के बीच रिश्ते मधुर नहीं हैं. वहीं, अब राजभर ने बताया है कि इस मुद्दे पर उनकी सीएम योगी से क्या लेटेस्ट बातचीत हुई है.
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न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए बयान में राजभर ने कहा, “हमारे कुछ पत्रकार साथी और विरोधी पार्टी के लोग कह रहे हैं मुख्यमंत्री जी की तरफ से ट्वीट नहीं आया (राजभर के भाजपा के साथ आने पर)…तो उन्होंने कहा कि हमने खुद ही भेजा तो आपको वहां. जब अमित शाह जी आए थे तब मैंने उनसे कहा था कि राजभर को लीजिए नहीं तो कई सीटें डिस्टर्ब होंगी.”
2017 में पहली बार भाजपा और सुभापसा साथ आए थे
गौरतलब है कि सुभासपा ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 भाजपा के साथ गठबंधन में लड़ा था और चार सीटें जीतीं थीं. राजभर को गठबंधन के सहयोगी के तौर पर कैबिनेट मंत्री बनाया गया था लेकिन उन्होंने पिछड़ों और वंचितों के साथ अन्याय का आरोप लगाते हुए सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ही खिलाफ मोर्चा खोल लिया था इसकी वजह से सरकार के सामने कई बार असहज स्थिति अभी पैदा हुई थी. लगातार तल्खी के बाद 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले राजभर ने भाजपा गठबंधन से नाता तोड़ लिया था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था.
2022 में सपा के साथ राजभर ने मिलाया था हाथ
राजभर की पार्टी ने 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) से हाथ मिलाया और छह सीटें जीतीं. उस चुनाव में राजभर ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ‘खेला होबे’ के नारे की तर्ज पर ‘खड़ेदा होबे’ का नारा दिया था. यह राज्य सत्ता से भाजपा को ‘बाहर निकालने’ का आह्वान था.
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