यूपी में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर राजनीति तेज, अखिलेश हुए सक्रिय, जानें क्या हैं तैयारियां

उत्तर प्रदेश में अब आगामी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर राजनीति तेज होती नजर आ रही है. समाजवादी पार्टी ने 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति…

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उत्तर प्रदेश में अब आगामी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर राजनीति तेज होती नजर आ रही है. समाजवादी पार्टी ने 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर गुरुवार को सभी विधायकों को पार्टी कार्यालय पर बुलाया है. इस बैठक में राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा भी मौजूद रहेंगे. बैठक के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को भी संबोधित करेंगे. आपको बता दें कि अखिलेश यादव इससे पहले राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के नामांकन में दिल्ली भी पहुंचे थे.

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यूपी में कमोबेश सभी दलों ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने-अपने पत्ते खोल दिए हैं. पिछले दिनों बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा की बजाय बीजेपी के नेतृत्व वाले NDA की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का ऐलान कर सबको चौंका दिया था. तब मायावती ने कहा था कि बीजेपी-एनडीए के समर्थन या विपक्ष के विरोध में नहीं किया गया है. बीएसपी सुप्रीमो ने कहा है कि उन्होंने यह फैसला अपने दल और बहुजन आंदोलन को ध्यान में रखते हुए किया है.

बीते दिनों शिवपाल यादव ने भी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर टिप्पणी की थी. शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh yadav) ने मंगलवार को कहा था कि वह राष्ट्रपति चुनाव में वे उसी उम्मीदवार को वोट देंगे जो उनसे वोट मांगने आएगा. इतना ही नहीं, शिवपाल यादव ने एक कदम आगे बढ़ते हुए यह भी दावा किया वह जिसे वोट देंगे वह जीत जाएगा.

राष्ट्रपति चुनाव में यूपी की है अहम भूमिका

नए राष्ट्रपति के चुनाव में उत्तर प्रदेश की भूमिका सबस अहम होने जा रही है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है. इसे देखते हुए जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए मतदान होना है. NDA ने इस चुनाव में झारखंड की पूर्व राज्यपाल 64 वर्षीय द्रौपदी मुर्मू को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वाम दलों सहित कई विपक्षी दलों ने यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार बनाया है.

आंकड़ों के लिहाज से देखा जाए तो मुर्मू की जीत की संभावना प्रबल है. यदि वह जीत जाती हैं तो वह देश की पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति होंगी. द्रौपदी मुर्मू की दावेदारी को मजबूत करने में सबसे बड़ी भूमिका उत्तर प्रदेश की होने वाली है. राष्ट्रपति चुनाव में सांसद और देश भर के राज्यों की विधानसभाओं के विधायक वोट डालते हैं .ऐसे में अगर संख्या को देखा जाए तो इस आंकड़े का करीब 14 प्रतिशत यूपी के पास है.

इस पूरे गणित को यहां नीचे शेयर की गई खबर पर क्लिक करके पढ़ा जा सकता है.

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