समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संकल्प पत्र (चुनाव घोषणा पत्र) पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने जो वादा किया था वह झूठा साबित हुआ.
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सपा मुख्यालय से शनिवार को जारी एक बयान में पार्टी प्रमुख यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने किसानों को कई धोखे दिए हैं. उन्होंने कहा कि अपने पांच साल पुराने संकल्प-पत्र (चुनाव घोषणा पत्र-2017) में किसानों की आय दोगुना करने का वादा किया था और इसे पूरा करने की अवधि 2022 थी.
यादव ने कहा कि इस अवधि के छह माह बीत रहे हैं, पर अभी तक इस दावों की पूर्ति के कहीं कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं.
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में किसानों का कुछ भला होने वाला नहीं है और किसानों की कर्जमाफी के वादे में भी धोखा हुआ. सपा प्रमुख ने कहा कि किसानों के बिजली बिल को आधा करने का भी भाजपा सरकार ने वादा किया था और वह वादा भी झूठा साबित हुआ.
यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और सरकार दोनों की मानसिकता किसान विरोधी है. उन्होंने कहा कि किसानों की कीमत पर पूंजी घरानों का पोषण करने का उसका रिकॉर्ड जगजाहिर है.
उन्होंने दावा किया कि गन्ना किसानों का सहकारी चीनी मिलों पर अरबों रुपये बकाया है और भाजपा सरकार लगातार बकाया राशि के बारे में झूठ बोलती जा रही है. उन्होंने सवाल उठाया कि 14 दिन में गन्ने के भुगतान का दम भरने वाली भाजपा सरकार यह क्यों नहीं बताती कि किसानों का अब तक भुगतान क्यों नहीं हुआ?
सपा प्रमुख ने यह भी दावा किया कि भाजपा सरकार के कर्जमाफी के झूठे दावों तले दबे किसानों की जानें जा रही हैं.
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी किसानों, गरीबों के हितों के लिए प्रतिबद्ध है और जनता का भाजपा सरकार की कुनीतियों के विरूद्ध दृढ़ता से प्रतिरोध जारी रहेगा.
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