जैसे जैसे यूपी चुनाव नजदीक आ रहा है, समाजवादी पार्टी (एसपी) कम जनसंख्या वाली लेकिन राजनीतिक रूप से अहम पिछड़ी जातियों को साधने का प्रयास कर रही है. एसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का गुरुवार का मुजफ्फरनगर दौरा भी इसी कवायद का एक हिस्सा है.
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अखिलेश आज गुरुवार यानी 11 नवंबर को मुजफ्फरनगर में कश्यप महा सम्मेलन को संबोधित करेंगे. एसपी ने इस महासम्मेलन की सफलता के लिए कश्यप समाज के नेताओं से जनसंपर्क कर अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.
इस महासम्मेलन में कश्यप महा सम्मेलन के आयोजक और पूर्व दर्जा प्राप्त मंत्री सुधाकर कश्यप भी शामिल होंगे. वह कश्यप वोट को एसपी की तरफ सहेजते नजर आएंगे. उनका कहना है कि बीजेपी ने कश्यप समाज का सबसे अधिक शोषण किया है, जिसके चलते यह समाज अब अखिलेश यादव के साथ खड़ा है.
हालांकि अखिलेश यादव बुढ़ाना कि जिस सीट में आज महासम्मेलन को संबोधित करने जा रहे हैं उसका विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोक दल को मिलना लगभग तय है. जयंत चौधरी भी पिछले दिनों बुढ़ाना में इसी मैदान पर आशीर्वाद पथ जनसभा संबोधित कर चुके हैं.
बीजेपी की इस ताकत को छीनना चाहते हैं अखिलेश
अखिलेश यादव की नजर बीजेपी की तरफ जा रहे पिछड़ा जाति के वोट समूहों पर है. ऐसा माना जाता है कि ये वोटर्स परंपरागत रूप से एसपी के साथ रहा. हालांकि बाद में यह बीजेपी की तरफ शिफ्ट हुआ. इसके समर्थन से बीजेपी ने 2017 में यूपी विधानसभा और 2019 में लोकसभा चुनाव में भारी जीत दर्ज की थी.
पूर्वी यूपी से लेकर पश्चिमी यूपी तक लगभग 5 फीसदी निषाद-कश्यप वोट बैंक है. निषाद-केवट-मल्लाह-कश्यप मतदाता कई सीटों पर बहुत प्रभावशाली हैं और यूपी के हर हिस्से में इनकी आबादी है. यही कारण है कि अखिलेश ने अपनी पहली जनसभा कश्यप महासम्मेलन के रूप में बुढ़ाना में ही रखी है.
हरेंद्र मलिक से भी करेंगे मुलाकात
अखिलेश कांग्रेस को अलविदा कहने वाले और कभी प्रियंका गांधी वाड्रा के निजी सलाहकार व इनलो से राज्यसभा सदस्य रहे हरेंद्र मलिक से मिलने उनके आवास भी जाएंगे. कांग्रेस से इस्तीफे देने की घोषणा के बाद पूर्व राज्यसभा सदस्य हरेंद्र मलिक और उनके पुत्र पूर्व विधायक पंकज मलिक का नया राजनीतिक ठिकाना एसपी ही है. कुछ दिन पूर्व एसपी ऑफिस वह पार्टी में शामिल हुए थे.
आज सीएम योगी आदित्यनाथ और पूर्व सीएम अखिलेश यादव पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 45 किमी के फासले से एक-दूसरे पर सियासी तौर पर बरसते नजर आने वाले हैं। जहां योगी मेरठ के मोदीपुरम पहुंचेंगे तो वहीं अखिलेश बुढ़ाना के कश्यप सम्मेलन में भाग लेंगे. ऐसे में यह राजनीतिक रस्साकस्सी भी अपने आप में दिलचस्प होगी.
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