प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव ने सीएम योगी की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा क्षेत्र की समस्याओं के लिए समय दिया है और मिलते रहे हैं. अखिलेश की तरफ से कभी पूछा नहीं जाता. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि सपा ने तो अब स्वतंत्र कर दिया है तो अब स्वतंत्र विधायक हूं. यूपी तक से बातचीत में शिवपाल यादव ने कहा कि सपा का पत्र महज औपचारिक स्वतंत्रता का एक प्रमाण पत्र है.
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शिवपाल यादव ने कहा कि इससे अच्छा होता कि विधानमंडल दल से निकाल देते या पार्टी से निकाल दें. हम पहले से स्वतंत्र रहे हैं, वोट देने के लिए भी स्वतंत्र थे तो वोट किया. अगर राष्ट्रपति चुनाव में वोट नहीं मांग सकते थे, मीटिंग में नहीं बुला सकते थे और सुझाव नहीं ले सकते थे तो सवाल क्यों खड़ा किया?
ओम प्रकाश राजभर को लेकर बोले शिवपाल
शिवपाल यादव ने कहा कि ओपी राजभर से हमारी शिष्टाचार मुलाकात हुई है. जब भी कोई निर्णय लेंगे तो बताएंगे. इस मामले में अभी तक कोई बातचीत नहीं हुई है. नेताजी के साथ लंबे समय तक काम किया.वे विरोधी को भी मिला देते थे. सबके सुझाव लेते थे. अगर उनकी तरह सुझाव लेते तो अखिलेश 2022 में सरकार में होते.
अपने संगठन को मजबूत करूंगा
शिवपाल यादव ने अपनी आगामी रणनीति पर बात करते हुए कहा कि फिलहाल अपने संगठन को मजबूत करूंगा. उसके बाद ही जब फैसला होगा तो आगे की रणनीति बनाई जाएगी.
गौरतलब है कि शनिवार को अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने अपनी सहयोगी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के चीफ शिवपाल सिंह यादव को लेटर जारी कर दो टूक कहा, ‘आपको जहां ज्यादा सम्मान मिले वहां जाने के लिए आप स्वतंत्र हैं.’सपी के इस लेटर पर अब शिवपाल सिंह यादव ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी द्वारा पत्र जारी कर मुझे औपचारिक स्वतंत्रता देने हेतु सहृदय धन्यवाद.शिवपाल ने ट्वीट कर कहा था, “मैं वैसे तो सदैव से ही स्वतंत्र था, लेकिन समाजवादी पार्टी द्वारा पत्र जारी कर मुझे औपचारिक स्वतंत्रता देने हेतु सहृदय धन्यवाद. राजनीतिक यात्रा में सिद्धांतों एवं सम्मान से समझौता अस्वीकार्य है.”
सपा के लेटर पर शिवपाल यादव बोले- ‘मैं सदैव से ही स्वतंत्र था, लेकिन मुझे…’
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