Uttar Pradesh News : समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अनुसूचित जाति और जनजाति में क्रीमी लेयर के प्रावधान के सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को लेकर बीजेपी पर तंज कसा है. अखिलेश यादव का ये बयान मोदी सरकार के उस फैसले के बाद आया है जिसमें केंद्र ने साफ कर दिया है कि संविधान में एस-एसटी में क्रीमी लेयर का कोई प्रावधान नहीं है. सपा प्रमुख ने संविधान पीडीए के लिए संजीवनी है, तो आरक्षण प्राणवायु है.
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आरक्षण के मुद्दे पर अखलिश यादव ने BJP को फिर घेरा
आरक्षण को लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट करते हुए लिखा है कि,आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा की विश्वसनीयता शून्य हो चुकी है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार हर बार अपने गोलमोल बयानों और मुकदमों के माध्यम से आरक्षण की लड़ाई को कमजोर करने की कोशिश करती है, फिर जब पीडीए के विभिन्न घटकों का दबाव पड़ता है तो दिखावटी सहानुभूति दिखाकर पीछे हटने का नाटक करती है. भाजपा की अंदरूनी सोच सदैव आरक्षण विरोधी रही है. इसीलिए भाजपा पर से 90 फीसदी पीडीए समाज का भरोसा लगातार गिरता जा रहा है.
अखिलेश यादव ने अपने पोस्ट में आगे लिखा कि, 'किसी भी प्रकार के आरक्षण का मूल उद्देश्य उपेक्षित समाज का सशक्तीकरण होना चाहिए न कि उस समाज का विभाजन या विघटन, इससे आरक्षण के मूल सिद्धांत की ही अवहेलना होती है. अनगिनत पीढ़ियों से चले आ रहे भेदभाव और मौकों की गैर-बराबरी की खाई चंद पीढ़ियों में आए परिवर्तनों से पाटी नहीं जा सकती. ‘आरक्षण’ शोषित, वंचित समाज को सशक्त और सबल करने का सांविधानिक मार्ग है, इसी से बदलाव आएगा, इसके प्रावधानों को बदलने की आवश्यकता नहीं है. पीडीए के लिए ‘संविधान’ संजीवनी है, तो ‘आरक्षण’ प्रायवायु.
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