Uttar Pradesh News : गाजीपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. गैंगस्टर मामले में हाईकोर्ट ने गाजीपुर एमपी एमएलए कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया है. बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैंगस्टर मामले में अफजाल अंसारी को मिली 4 साल की सजा सुनाई थी जिसे अब हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है. वहीं सजा रद्द होने से अफजाल अंसारी की संसद की सदस्यता बरकरार रहेगी. वहीं कोर्ट का फैसला आने के बाद सपा सांसद ने बड़ा बयान दिया है.
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कोर्ट के फैसले के बाद कही ये बात
कोर्ट के फैसले के बाद अफजाल अंसारी ने कहा कि, 'मेरे माथे पर काला टीका लगाने का जो प्रयास किया गया था वो आज धुल गया है. मुझे इसपर गर्व है.संसद की कार्यवाही में भाग लेने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि मुझे कल भी नहीं रोका गया था लेकिन मैंने फैसला किया था कि फैसला आने के बाद सत्र में भाग लूंगा और आज दिल्ली निकल रहा हूं.' उन्होंने आगे कहा कि, 'समाजविरोधी लोगों ने मुझे गैंगेस्टर बना दिया था.29 अप्रैल 2023 की निचली अदालत के फैसले के बाद अपने षड्यंत्र में उनको सफलता मिली.आज हमें राहत नहीं मिली है बल्कि इंसाफ मिला है. गाजीपुर कोर्ट का आदेश गलत था दोषपूर्ण था इसलिए रद्द कर दिया गया.
सपा सांसद अफजल अंसारी ने कहा कि, 'गाजीपुर की जनता को सबसे ज्यादा कष्ट था. चुनाव के दौरान गाजीपुर की जनता को परेशान किया जाता रहा, तमाम तरह की खबरें फैलाई जाती रहीं. उसके बाद भी गाजीपुर की महान जनता ने जो हिम्मत दिखाई है. सवा लाख वोटों से जनता की आदलत में भी अफजल अंसारी को जिताया गया और आज हमारे विरुद्ध सजा का जो आदेश सुनाया गया था उस आदेश को खंडित करते हुए हमारे पाक दामन पर एक मुहर लगा दी गई. मैं अपने क्षेत्र की जनता, पूर्वांचल के आम लोगों और खासकर गरीब भाईयों के प्रति आभार प्रकट करता हूं और उन्हें आश्वस्त करना चाहता हूं कि मैं पूरी क्षमता से प्रयास करूंगा कि आपके दुख दर्द में खड़ा रह सकूं.'
इस मामले में मिली थी सजा
बता दें कि अफजाल के खिलाफ यह मामला भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की 2005 में हत्या के बाद दर्ज किया गया था. 29 नवंबर, 2005 को कृष्णानंद राय समेत उनके साथ जा रहे अन्य 6 लोगों को गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी. इस केस में गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने अफजाल अंसारी को 4 साल की सजा सुनाई, जिससे उनकी लोकसभा सदस्य उस दौरान रद्द हो गई थी. वहीं कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ अफजाल ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी, जिसमें उन्हें आज यानी 29 जुलाई को राहत मिल गई.
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