यूपी में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर सबके मन में एक ही सवाल घूम रहा है कि आखिर सरकार कौन बनाएगा? क्या योगी आदित्यनाथ अपने विरोधियों को शिकस्त देंगे? क्या अखिलेश यादव फिर से विजेता बनकर उभरेंगे? क्या मायावती की सोशल इंजीनियरिंग चलेगी या क्या प्रियंका गांधी कांग्रेस की नैया पार लगा पाएंगी? जाहिर तौर पर इन सवालों के अंतिम जवाब चुनाव परिणाम बताएंगे लेकिन इससे पहले सामने आ रहे सर्वे कुछ बड़े संकेत जरूर जाहिर कर रहे हैं.
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ऐसा ही एक सर्वे सामने आया है ABP न्यूज C-Voter का. इसी एजेंसी का एक सर्वे सितंबर महीने में भी आ चुका है. इन दोनों सर्वे के कुछ कॉमन ग्राउंड हैं. हालिया और पिछले, दोनों सर्वे में योगी सरकार की वापसी के संकेत दिख रहे हैं. दोनों सर्वे में सीएम उम्मीदवार की पहली पसंद योगी आदित्यनाथ बनते दिखे हैं. दोनों ही सर्वे में समाजवादी पार्टी (एसपी) सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी बनती दिख रही है. इसके बावजूद इन सर्वे में कुछ ऐसे संकेत भी मिले हैं, जो बीजेपी की चिंता बढ़ा सकते हैं, तो मायावती और अखिलेश का चेहरा खिला सकते हैं.
सीएम चेहरे के रूप में माया को पसंद करने वालों की संख्या बढ़ी
ABP न्यूज C-Voter का एक सर्वे सितंबर महीने में भी सामने आया था. उस सर्वे में 40.4 फीसदी लोग योगी आदित्यनाथ को फिर से मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहते थे. वहीं 28 फीसदी लोग एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव को, 14.6 फीसदी बीएसपी चीफ मायावती को, 3 फीसदी कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी को और 2 फीसदी लोग आरएलडी नेता जयंत चौधरी को यूपी के मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहते थे.
सितंबर में आए सर्वे के नतीजों को विस्तार से नीचे पढ़ें
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8 अक्टूबर को जारी किए गए ABP न्यूज C-Voter के दूसरे सर्वे में मायावती को 17 फीसदी लोग मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं. यानी एक महीने के भीतर मायावती के ग्राफ में करीब ढाई फीसदी का इजाफा देखने को मिला है.
यूपी में पिछला एक महीना लॉ एंड ऑर्डर को लेकर काफी डंवाडोल नजर आया है. गोरखपुर में कारोबारी की संदिग्ध मौत हो या लखीमपुर खीरी में किसानों के साथ हुई हिंसा, योगी सरकार लॉ एंड ऑर्डर के सवाल पर घिरती नजर आई है. वहीं, यूपी का एक तबका ऐसा भी है, जो लॉ एंड ऑर्डर के लिए मायावती के पिछले मुख्यमंत्रित्व काल की तारीफ करता है. ऐसे में सीएम के चेहरे पर मायावती को लेकर अगर पसंद का ग्राफ चढ़ रहा है, तो ये बीजेपी के लिए चिंता का सबब हो सकता है. हालांकि इस बीच बीजेपी के लिए राहत का सबब यही है कि पिछले सर्वे की तुलना में सीएम पद के लिए 0.6 फीसदी अधिक लोगों ने मुख्यमंत्री के तौर पर योगी आदित्यनाथ को पसंद किया है.
पिछले सर्वे की तुलना में घट गईं बीजेपी की सीटें
सितंबर महीने में ABP न्यूज C-Voter के सर्वे में बीजेपी को उनके सहयोगियों समेत 259 से 267 सीटों का अनुमान जताया गया था. एक महीने बाद अक्टूबर में जब सर्वे का परिणाम जारी किया गया, तो बीजेपी प्लस की सीटें 241 से 249 तक होने का अनुमान जताया गया. यानी एक महीने के भीतर बीजेपी की 18 सीटें घटती नजर आईं हैं.
हालिया सर्वे के नतीजों को विस्तार से नीचे पढ़ें
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जिस तरह विपक्ष ने पिछले दिनों योगी सरकार को अपराध, महंगाई समेत विभिन्न मुद्दों पर घेरा, वैसे में सर्वे में सीटों में घटाव का यह ट्रेंड बीजेपी के लिए शुभ संकेत तो नहीं ही है.
समाजवादी पार्टी के वोट शेयर, सीट में इजाफे के संकेत: सर्वे
ABP Cvoter प्री-पोल के ताजा सर्वे ने थोड़ी बहुत खुशी अखिलेश यादव को भी दी है. सितंबर महीने के सर्वे में एसपी को 30.2 फीसदी वोट मिलने का अनुमान जताया गया था. ताजा सर्वे में 32.4 फीसदी वोट के अनुमान जताए गए हैं. यानी एक महीने के भीतर ही एसपी के वोट शेयर में 2 फीसदी से अधिक का इजाफा देखने को मिला है. इसका सीधा असर सीटों पर भी पड़ता नजर आ रहा है. पिछले सर्वे में एसपी को 109 से 117 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया था. इस बार एसपी को 130 से 138 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है. यानी एक महीने में 21 सीटों की बढ़त के संकेत मिल रहे हैं.
अखिलेश के लिए यह संकेत उत्साहजनक हो सकते हैं. अभी चुनावों में कुछ महीने बाकी हैं. ऐसे में अगर वह सरकार को महंगाई, लॉ एंड ऑर्डर, रोजगार जैसे मुद्दों पर घेर पाए तो फ्लोटिंग वोटर्स किसी का भी खेल बना और बिगाड़ सकते हैं.
लखीमपुर खीरी प्रकरण के बाद प्रियंका गांधी का ग्राफ भी चढ़ा
लखीमपुर खीरी प्रकरण में प्रियंका गांधी अन्य विपक्षी नेताओं की तुलना में थोड़ा आगे नजर आईं. घटना की रात ही लखीमपुर खीरी जाने की कोशिशों में प्रियंका की गिरफ्तारी हुई तो कांग्रेस ने इसे प्रदेश समेत देशव्यापी आंदोलन का मुद्दा बना लिया. कांग्रेस शासित राज्यों छत्तीसगढ़ और पंजाब के सीएम यूपी पहुंचे, तो राजस्थान से सचिन पायलट समेत अन्य नेताओं ने भी यूपी में प्रदर्शन को लीड किया.
हालांकि ABP Cvoter प्री-पोल सर्वे में कांग्रेस की स्थिति काफी डंवाडोल होने के संकेत हैं. सितंबर और अक्टूबर, दोनों ही सर्वे में कांग्रेस को 3 से 7 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है. सीएम के तौर पर पसंद के रूप में प्रियंका को एक फीसदी का इजाफा (पहले 3 फीसदी अब 4 फीसदी) जरूर मिलता दिखा है. इस बीच प्रियंका गांधी ने वाराणसी से किसान न्याय यात्रा का ऐलान किया है. आने वाले समय में यह देखना अहम होगा कि प्रियंका फैक्टर यूपी में किस रूप में नजर आता है.
हालांकि इन सर्वे रिपोर्ट्स को महज एक चुनावी अनुमान के तौर पर देखा जा सकता है, जिसके चुनावी नतीजे में बदलने के बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता. इसके बावजूद ये सर्वे राजनीतिक दलों को एक अनुमान तो दे ही रहे हैं, जिसके आधार पर यूपी में आने वाले समय में चुनावी रणनीतियां बदलती दिख सकती हैं.
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