उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 संपन्न हो चुका है और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) एक बार फिर सरकार बनाने जा रही है. वहीं इस बार के चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के खाते में महज एक सीट आई है. बलिया की रसड़ा विधानसभा सीट से उमाशंकर सिंह ऐसी शख्सियत हैं जिन्होंने बहुजन समाज पार्टी को एकमात्र सीट दिलाई है.
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आइए जानते हैं कि आखिर कौन हैं उमाशंकर सिंह, जो बीएसपी के टिकट पर रसड़ा विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए हैं.
उमाशंकर सिंह बलिया के नगर थाना क्षेत्र के खनवर गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने अपना राजनीतिक सफर छात्र जीवन से ही शुरू कर दिया था. साल 1991 में वह बलिया के सतीश चंद्र कॉलेज से छात्र संघ का चुनाव लड़े और महामंत्री चुने गए. इसके बाद साल 2000 में वह जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़े और जीत हासिल की. इसी जीत के साथ उमाशंकर सिंह का राजनीतिक सफर आगे की तरफ बढ़ चला.
साल 2009 में उमाशंकर ने अपना बिजनेस शुरू किया. उन्होंने एक कंस्ट्रक्शन कंपनी खोली और व्यवसाय में रम गए, लेकिन राजनीति से दूर नहीं हो पाए. इसी दौरान साल 2011 में वह बीएसपी सुप्रीमो मायावती के संपर्क में आए और उनकी पार्टी जॉइन कर ली.
साल 2012 में जब विधानसभा चुनाव हुआ तो उमाशंकर पर मायावती ने भरोसा जताया और रसड़ा विधानसभा से उन्हें टिकट दिया. इसके बाद उन्होंने अपनी मेहनत के बल पर शानदार जीत हासिल की.
2017 में मोदी लहर के बावजूद भी वह अपनी सीट जीतने में कामयाब रहे. उनकी जीत का यह सिलसिला 2022 के विधानसभा चुनाव में भी जारी रहा और उन्होंने बीएसपी के टिकट पर रसड़ा से जीत की हैट्रिक लगाई है.
उमाशंकर सिंह की यह जीत न सिर्फ उनके लिए खास है, बल्कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में अलग चर्चा का विषय भी बनी हुई है. उनकी पहचान न सिर्फ बीएसपी के कद्दावर नेताओं के तौर पर होती है, बल्कि इलाके में भी उनकी काफी लोकप्रियता है.
बताया जाता है जब उमाशंकर पहली बार विधायक बने थे तो क्षेत्र के 251 गरीब जोड़ों का सामूहिक विवाह अपने खर्चे से कराया था. इसी तर्ज पर दूसरी बार विधायक बनने पर उन्होंने 351 जोड़ों की सामूहिक शादियां कराईं. कोरोना काल में भी उन्होंने अपने क्षेत्र की जनता के लिए काफी काम किया.
कहा जा रहा है कि उमाशंकर सिंह की अपने क्षेत्र में लोकप्रियता ही वो वजह है, जिसके चलते उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी जीत हासिल की है.
यूपी तक से बातचीत के दौरान उमाशंकर ने बताया, “रसड़ा की जनता उनके ऊपर भरोसा करती आई है और यह जनता की जीत है. मैं यहां की जनता के भरोसे पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करता रहूंगा.”
विधानसभा चुनाव में बीएसपी के खराब प्रदर्शन के संदर्भ में उमाशंकर ने कहा, “प्रदर्शन को लेकर हम लोग समीक्षा कर रहे हैं. कहीं ना कहीं लोगों के बीच इस तरह का दुष्प्रचार किया गया था कि बीएसपी बीजेपी की बी टीम है. जिसकी वजह से पूरे उत्तर प्रदेश में माइनॉरिटी को लगने लगा कि बीएसपी बीजेपी की बी टीम है. माइनॉरिटी वोटर गलतफहमी में आ गए और उनका वोट हमको नहीं मिला.”
उन्होंने आगे कहा, “हमने देखा कि बहुत जगह पर हमारे मतदाता समाजवादी पार्टी को रोकने के लिए बीजेपी में शिफ्ट हो गए क्योंकि जिन लोगों ने समाजवादी पार्टी का शासन देखा है वह लोग पूरी तरह से भयभीत हैं, वह नहीं चाहते कि किसी भी हालत में एसपी की सरकार आए. इसी गलतफहमी के चलते जो लोग बीजेपी को नहीं पसंद कर रहे थे वे चुनाव में शिफ्ट हो गए.”
उमाशंकर सिंह ने बताया, “बीएसपी सुप्रीमो मायावती से उनकी बात हुई है. उन्होंने मुझे बुलाया है और कहा है कि बैठ कर बात करेंगे कि कहां पर सुधार की जरूरत है.”
(अनिल अकेला के इनपुट्स के साथ)
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