कैराना में वोटिंग: BJP की मृगांका बनाम SP के नाहिद की बहन इकरा, जानें इनके दावे

यूपी तक

• 06:37 AM • 10 Feb 2022

यूपी में विधानसभा चुनावों के लिए पहले चरण में 11 जिलों की 58 विधानसभा सीटों पर वोटिंग चल रही है. इसमें शामली जिले की बहुचर्चित…

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यूपी में विधानसभा चुनावों के लिए पहले चरण में 11 जिलों की 58 विधानसभा सीटों पर वोटिंग चल रही है. इसमें शामली जिले की बहुचर्चित कैराना सीट भी शामिल है. बीजेपी ने यहां कथित तौर पर हिंदू पलायन को रोकने का मुद्दा बनाया है. पश्चिमी यूपी में वोटर्स की नाराजगी की खबरों के बीच गृहमंत्री अमित शाह कैराना में खुद कैंपेन में उतरे. कैराना में मृगांका सिंह और एसपी के नाहिद हसन के बीच मुकाबला देखने को मिल रहा है.

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आपको बता दें कि नाहिदा हसन अभी जेल में हैं और उनकी बहन इकरा हसन ने उनका पूरा चुनाव संभाल रखा है. इस बीच वोटिंग के दौरान मृगांका और नाहिद हसन की बहन इकरा हसन की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं.

BJP कैंडिडेट मृगांका सिंह ने कहा कि ‘इस बार कैराना में दिलचस्प मुकाबला है. मेरा अनुमान है कि एक बार फिर जनता ने BJP के पक्ष में मन बना लिया है. मैंने जनता को कहा है कि वे पिछले 5 साल के सुशासन और सुदृढ़ कानून व्यवस्था को देखें. मैंने जनता से और 5 साल देने की अपील की है.’

मृगांका सिंह ने दावा किया जनता बीजेपी की सरकार से संतुष्ट है. उन्होंने मुफ्त राशन, बिजली का बिल आधा करने और कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए कहा कि लोग बीजेपी के साथ हैं. किसान आंदोलनों के ऊपर टिप्पणी करते हुए मृगांका सिंह ने कहा कि किसान भी इस बार बीजेपी के साथ है.

इकरा ने हिंदू पलायन के मुद्दे और नाहिद के जेल में होने पर ये कहा

इस बीच कैराना से एसपी प्रत्याशी नाहिद हसन की बहन इकरा हसन ने भी वोटिंग को लेकर प्रतिक्रिया दी है. इकरा ने कहा है कि हमें भरोसा है कि लोग हमारा समर्थन करेंगे. इकरा ने कहा कि हमारे लिए स्थानीय उम्मीदवार (मृगांका) चुनौती नहीं हैं बल्कि बीजेपी ने जिस सरकारी मशीनरी को लगा रखा है, वो चुनौती है.

इकरा ने नाहिद हसन के जेल में होने के सवाल पर कहा कि इनका कोई असर नहीं है. ये सब झूठे मुद्दे हैं, लोग मेरे भाई की कार्यशैली से अवगत हैं. इकरा ने कथित पलायन के मुद्दे पर कहा कि ‘बीजेपी ने 350 परिवारों की एक सूची जारी की थी. उनमें से 2-3 परिवार को टोकन की तरह सामने लाए. वे परिवार अपनी बढ़ोतरी के लिए देहरादून गए थे. उन्हीं को कैमरे के सामने बैठाते हैं. इन्होंने अगर कोई कदम उठाए तो इसकी जानकारी विधानसभा के पटल पर क्यों नहीं रखी.’

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