केशव प्रसाद मौर्य ने प्रियंका को बताया ‘ट्विटर वाड्रा’, AAP और AIMIM को कहा ‘वोट कटवा’

भाषा

• 01:39 PM • 24 Oct 2021

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता केशव प्रसाद मौर्य ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका…

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उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता केशव प्रसाद मौर्य ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से किसी भी तरह की चुनौती को खारिज किया है. इसके साथ ही मौर्य ने दावा किया अगर कांग्रेस पिछली बार (2017 के विधानसभा चुनाव में) जीती गई 7 सीटों को ही बरकरार रख ले, तो यह उसके लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी.

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यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में समाजवादी पार्टी (एसपी) और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) से भी चुनौती खारिज करते हुए मौर्य ने न्यूज एजेंसी ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में दावा किया इन दोनों पार्टियों को 2017 के चुनाव में जितनी सीटें मिली थीं, उतनी भी हासिल हो जाती हैं, तो उन्हें खुशी होनी चाहिए.

वहीं, उपमुख्यमंत्री मौर्य ने आम आदमी पार्टी और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम को उत्तर प्रदेश की राजनीति में कोई महत्व देने से इनकार कर दिया और उन्हें ‘वोट कटवा’ बताया.

यह पूछे जाने पर कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा, इस पर मौर्य सीधा जवाब देने से बचे. पिछली बार मुख्यमंत्री पद की दौड़ में योगी आदित्यनाथ से पिछड़ गए मौर्य ने कहा कि इस पर विधायकों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व फैसला करता है.

उन्होंने कहा, “वर्तमान में, आदरणीय योगी आदित्यनाथ जी हमारे मुख्यमंत्री हैं और योगी जी और हम उत्तर प्रदेश चुनाव में बीजेपी की जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रयास कर रहे हैं.”

कांग्रेस पार्टी की महिलाओं को 40 प्रतिशत टिकट देने की घोषणा पर डिप्टी सीएम मौर्य ने कहा, “यूपी में कांग्रेस का अस्तित्व नहीं है. 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें यूपी से दो सांसद मिले और 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश से उनके सांसद की संख्या एक रह गई.’’

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग यही हाल समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का है, जिनके कार्यकाल को लोग भूले नहीं हैं और कभी नहीं भूलेंगे क्योंकि उनकी सरकारों में भ्रष्टाचार, अपराध, माफिया को प्रोत्साहन, जातिवाद और तुष्टीकरण का बोलबाला था.

पिछले विधानसभा चुनाव में यूपी की 403 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी को सहयोगी दलों समेत 325 और एसपी को 47 सीटें मिली थीं, जबकि मायावती की बीएसपी को 19 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था.

मौर्य ने कहा कि अब ये पार्टियां (एसपी और बीएसपी) पिछड़े, सवर्णों और दलितों की बात कर रही हैं, लेकिन हकीकत यह है कि ये किसी के शुभचिंतक नहीं हैं. उन्होंने कहा, ‘वे केवल सत्ता हासिल करना चाहते हैं, लोगों का शोषण करना चाहते हैं और जनता के पैसे से अपनी जेब भरना चाहते हैं.’

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि प्रियंका गांधी ने यूपी में बीजेपी के विकल्प के रूप में खुद को स्थापित कर लिया है. इस पर मौर्य ने कहा, “मुझे लगता है कि आप (मीडिया) उन्हें विपक्ष की भूमिका में अधिक देख रहे हैं. मैं प्रियंका गांधी वाड्रा जी को ‘ट्विटर वाड्रा’ कहता हूं. मुझे नहीं लगता कि उनकी तस्वीरें लेने के इच्छुक लोगों को छोड़कर, कांग्रेस में कोई है. प्रियंका गांधी, राहुल गांधी या कांग्रेस का कोई और नेता हो, फोटो खिंचवाने में उन्हें महारत हासिल है.”

उपमुख्‍यमंत्री ने दावा किया,‘‘फोटो खिंचवाने की दौड़ में वे एसपी और बीएसपी से आगे हैं, लेकिन, ये तीनों पार्टियां जनता के दिल में जगह बनाने में नाकाम रही हैं.’

मौर्य ने कहा, ‘‘2017 के विधानसभा चुनाव में हमने 325 सीटें जीती थीं और हमारा प्रयास है कि हम इस बार 325 से ज्यादा सीटें कैसे जीत सकते हैं. यह हमारे लिए एक चुनौती है.’

एसपी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के उनकी पार्टी के 400 सीटें जीतने के दावे के बारे में पूछे गए सवाल पर मौर्य ने कहा, ‘अखिलेश यादव 2014 के लोकसभा चुनाव और 2017 के विधानसभा चुनाव में कितनी सीटें जीतने का दावा कर रहे थे? 2019 के लोकसभा चुनाव में, उन्होंने प्रधानमंत्री बनने का सपना भी देखा था. आखिरकार, एसपी के दावों को खोखला पाया गया.’’

उन्होंने आगे कहा, ‘जमीनी स्तर पर उनके संगठन में अपराधियों और माफिया के अलावा कोई नहीं है. वे जाति और तुष्टीकरण के आधार पर राजनीति करते हैं.”

विपक्षी दलों की ओर से ‘सॉफ्ट हिंदुत्व’ का सहारा लेने पर मौर्य ने कहा, “यह बीजेपी की वैचारिक जीत है.”

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