उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) 2022 के विधानसभा चुनाव में बड़ी तादाद में अपने विधायकों के टिकट काट सकती है. पार्टी बड़ी संख्या में उम्मीदवारों की सीटें भी बदल सकती है. चर्चा सौ से डेढ़ सौ सीटें काटने और बदलने की है. इस बीच बीजेपी की टीमें लगातार सर्वे कर रही हैं कि किस विधानसभा क्षेत्र से कौन सा उम्मीदवार जिताऊ साबित हो सकता है.
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बीजेपी के एक बड़े नेता ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि इस बार कई मंत्रियों के भी टिकट कर सकते हैं, जिनकी रिपोर्ट ठीक नहीं है और ये रिपोर्ट दूसरे प्रदेशों से आई हुईं टीमें जमीन से तैयार कर रही हैं.
कहा जा रहा है कि दिल्ली की दो एजेंसियां इस वक्त स्वतंत्र रूप से जिताऊ कैंडिडेट का सर्वे कर रही हैं. एक नेता ने अनौपचारिक बातचीत में बताया कि उनके पास ऐसी जानकारी है कि न सिर्फ गुजरात की बीजेपी की टीमें बल्कि गुजरात की कई एजेंसियां भी यूपी में घूम रही हैं.
माना जा रहा है कि जनवरी के तीसरे सप्ताह तक कैंडिडेट्स के नामों पर मुहर लग जाएगी. बीजेपी ने पश्चिमी यूपी के लिए दिल्ली और मध्य प्रदेश की टीमों को लगाया गया है, जो जनता के साथ राय मशवरा करके टिकटों की लिस्ट बनाएंगी.
एक प्रदेश स्तरीय नेता को एक-एक मंडल की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि तीन-तीन पदाधिकारियों को एक-एक विधानसभा क्षेत्र में लगाया गया है. हर विधानसभा क्षेत्र में करीब 100 लोगों से राय ली जा रही है.
बताया जा रहा है कि हर सीट के लिए 100 लोगों की राय के आधार पर नेतृत्व को रिपोर्ट दी जाएगी. उसके बाद नेतृत्व जिले की कोर कमेटी में उन नामों को रखेगा. अगर कोर कमेटी में भी उन नामों पर मुहर लगी तो प्रदेश नेतृत्व को सिफारिश की जाएगी. उसके बाद केंद्रीय चुनाव समिति में विचार होगा. माना जा रहा है कि यह सब 15 दिनों की कार्रवाई होगी.
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