उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान कर दिया है. इस बार यूपी में 7 चरणों में वोटिंग होनी है. प्रदेश में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए चुनाव आयोग ने इस बार काफी सख्ती बढ़ाई है. आयोग ने 15 जनवरी तक चुनावी रैलियों, पद यात्राओं, बाइक रैलियों, नुक्कड़ सभाओं इत्यादि पर रोक लगा दी है. चुनावी समर में कूदे तमाम राजनीतिक दल ऐसे में जनता तक पहुंचने के लिए दूसरे तरीकों पर काम कर रहे हैं.
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आपको बता दें कि सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों में जनसंपर्क अभियान के जरिए चुनाव प्रचार को धार देने की शुरुआत करने जा रही है. इसके तहत यूपी और देश भर से आए बीजेपी के कार्यकर्ता घर-घर दस्तक देंगे.
क्या है बीजेपी का प्लान?
दरअसल, जनसंपर्क अभियान के जरिए बीजेपी कार्यकर्ता छोटी-छोटी टोलियों में चुनावी संपर्क करेंगे, जिसमें महिलाओं की टोली अलग, युवाओं की टोली अलग जबकि कैंडिडेट की टोली अलग घूमेगी.
मिली जानकारी के अनुसार, दूसरे राज्यों से आए प्रचारक और विस्तारक दलितों और अति पिछड़ी जातियों के इलाकों में ज्यादा फोकस करेंगे. ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी इस मामले में सबसे ज्यादा समर्थ है क्योंकि देश भर से पार्टी कार्यकर्ता उत्तर प्रदेश पहुंच रहे हैं.
बीजेपी के प्लान के अनुसार, घर-घर दस्तक देने वाली टीमें केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार की योजनाओं को लेकर लोगों तक पहुंचेंगी. आपको बता दें कि अभी तक 10 हजार से ज्यादा बीजेपी के कार्यकर्ता और पदाधिकारी दूसरे राज्यों से उत्तर प्रदेश आ चुके हैं.
गौरतलब है कि इस बार यूपी में विधानसभा चुनाव की वोटिंग 10 फरवरी से शुरू होकर 7 मार्च तक चलेगी, जबकि नतीजे 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे.
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