अखिलेश संग सीट शेयरिंग से लेकर खुद चुनाव लड़ने तक, जानें जयंत चौधरी के मन में क्या चल रहा

यूपी तक

• 11:36 AM • 10 Jan 2022

उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी (एसपी) और राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के बीच गठबंधन हुआ है. हालांकि,…

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उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी (एसपी) और राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के बीच गठबंधन हुआ है. हालांकि, गठबंधन में आरएलडी को कितनी सीटें मिलेंगी, इस बात का खुलासा नहीं हुआ है. वहीं, दूसरी ओर एसपी और आरएलडी का गठबंधन पश्चिमी यूपी में बीजेपी को कांटे की टक्कर देने का दावा कर रहा है. इस बीच आरएलडी चीफ जयंत चौधरी ने आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी की तैयारी को लेकर सोमवार को ‘पंचायत आजतक उत्तर प्रदेश’ के कार्यक्रम में कई बड़ी बातें कीं. खबर में आगे जानिए कि जयंत ने क्या-क्या कहा.

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‘जितनी सीटें आप मांग रहे हैं उतनी सीटें अखिलेश जी दे रहे हैं आपको?’ इस सवाल पर आरएलडी मुखिया ने कहा, “हम दोनों के बीच अच्छी रिलेशनशिप है. पिछले चुनाव भी हम मिलकर लड़े थे, काफी गहरी हमारी अंडरस्टेंडिंग है. बाकी जो इस तरह की अटकलें लगाते हैं, वो यह नहीं समझते हैं कि ये चीजें कितने कॉम्प्लिकेटिड होती हैं.”

उन्होंने आगे कहा,

“मैं और अखिलेश जी बैठते थे फिर अगले हफ्ते जब हम बैठते थे, बीच के 6 दिन में अखबार यह छाप देता था कि मैं उनसे नाराज हूं और वो मुझसे नाराज हैं. हमने सीटों की लिस्ट उन्हें दे दी है. हमने और उन्होंने तय कर दिया है, भले ही घोषित न हुआ हो, क्योंकि हमने यह रणनीति बनाई है कि 403 सीटें हमारा लक्ष्य हैं.”

जयंत चौधरी

विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर जयंत चौधरी ने कहा, “चुनाव लड़ने की मेरी इच्छा नहीं है. मैं चाहता हूं इस गठबंधन के लिए काम करूं. डिप्टी सीएम पद की कोई मांग नहीं की है.”

‘चुनाव का ऐलान हो गया है आरएलडी की क्या तैयारी है?’ इस सवाल के जवाब में जयंत चौधरी ने कहा, “मुझे उम्मीद है इस बार यूपी की जनता एक सकारात्मक फैसला लेगी, जिस तरह का विकास यूपी में होना चाहिए…उस ओर हम चलेंगे.”

2012 से लेकर 2017 के विधानसभा चुनावों में आरएलडी की सीटों की संख्या घटने पर जयंत बोले, “ऐसा नहीं है कि हमसे कोई विशेष नाराजगी थी…कुछ घटनाएं ऐसी थीं, जिससे सब कुछ तहस-नहस हो गया. हमारे क्षेत्र की सामाजिक व्यवस्था बिगड़ गई और उसका बहुत बड़ा प्रभाव राजनीति पर भी पड़ा. जब दंगा हुआ तो समय लगता है लोगों को उन चीजों को भूलने में.”

‘मुजफ्फरनगर दंगों के बाद जाट और मुस्लिम के बीच बनी खाई क्या खत्म हो गई है?’ इस सवाल के जवाब में आरएलडी चीफ ने कहा, “वो हिंदू और मुसलमान के बीच में थी. सिर्फ एक जाति का उसमें सवाल नहीं था. मैं मानता वो दूर इसलिए हुई है क्योंकि दोनों वर्ग के लोगों ने खोया ही खोया है.”

जयंत ने कहा- ‘राकेश जी की राजनीतिक महत्वकांक्षाएं नहीं हैं’

आरएलडी मुखिया ने कहा, “राकेश (टिकैत) जी की कोई राजनीतिक महत्वकांक्षाएं नहीं हैं और उन्हें भी इस बात अहसास है कि इस आंदोलन की स्वीकारिता इसलिए बनी कि दूसरे दल के लोग और कार्यकर्त्ता भी उनके साथ आ सकते हैं.”

इसके अलावा जयंत ने कहा,

  • “टेनी जी को बर्खास्त करना तो दूर बीजेपी उन्हें अगले चुनाव में भी टिकट देगी.”

  • “ये बीमारी (कोरोना वायरस) को हलके में नहीं ले सकते. मैंने तो खोया है, मेरे पिता जी चौधरी अजीत सिंह इसी बीमारी की चपेट में फंसे और गए.”

  • चुनाव में मजबूती से हम लोग डंटे हुए हैं…लाठियां खाईं, मुद्दे उठाए, सड़क पर रहे और जनता हमारे साथ है.”

  • “मैं नहीं मानता बीजेपी सरकार वापस आएगी, क्योंकि उन्होंने कोई काम नहीं किया है.”

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