UP चुनाव: सातवें फेज में कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर, जानिए हर बड़ी बात

यूपी तक

• 02:24 PM • 06 Mar 2022

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी समेत उत्तर प्रदेश के नौ जिलों की 54 विधानसभा सीट पर मौजूदा चुनाव के सातवें और अंतिम…

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी समेत उत्तर प्रदेश के नौ जिलों की 54 विधानसभा सीट पर मौजूदा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण के तहत सोमवार को मतदान होगा.

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प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ल ने रविवार को बताया कि सातवें चरण में वाराणसी, चंदौली, भदोही, मिर्जापुर, रॉबर्ट्सगंज, गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़ और जौनपुर जिलों में मतदान होगा.

चुनाव आयोग के मुताबिक, चकिया, राबर्ट्सगंज और दुद्धी विधानसभा सीटों पर मतदान सुबह 7 बजे से शुरू होकर शाम 4 बजे तक चलेगा. शेष विधानसभा क्षेत्रों में मतदान सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक चलेगा.

आयोग की तरफ से जारी जानकारी के मुताबिक, इस चरण में कुल 613 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें से 75 महिला प्रत्याशी हैं. सातवें चरण की 54 सीट में से 11 अनुसूचित जाति के लिए और दो अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं.

सातवें चरण में लगभग 2.06 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे. इनमें 1.09 करोड़ पुरुष, 97.08 लाख महिला और 1027 थर्ड जेंडर के मतदाता हैं. इस चरण में कुल कुल 23614 मतदेय स्थल और 12210 मतदान केंद्र होंगे.

मतदान पर सतर्क दृष्टि रखने के लिए चुनाव आयोग की तरफ से 52 सामान्य प्रेक्षक, 09 पुलिस प्रेक्षक और 17 व्यय प्रेक्षक भी तैनात किए गए हैं. इसके अतिरिक्त 1621 मजिस्ट्रेट, 195 जोनल मजिस्ट्रेट और 2796 माइक्रो ऑब्जर्वर भी तैनात किए गए हैं.

गौरतलब है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में सातवें चरण की इन 54 सीट में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और उसके सहयोगियों अपना दल (एस) और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) को कुल 36 सीट मिली थीं. इनमें बीजेपी को 29, अपना दल (एस) को चार और एसबीएसपी को तीन सीट प्राप्त हुई थीं.

वहीं, समाजवादी पार्टी (एसपी) को 11, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) को छह और निषाद पार्टी को एक सीट पर जीत मिली थी. पिछली बार 2017 में अपने दम पर लड़ी निषाद पार्टी इस बार बीजेपी के साथ गठबंधन में है, जबकि एसबीएसपी ने एसपी से गठबंधन किया है.

चुनाव के अंतिम चरण में उत्तर प्रदेश के कई मंत्रियों के चुनावी भाग्य का फैसला होगा. इनमें पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी (वाराणसी दक्षिण), अनिल राजभर (शिवपुर-वाराणसी), रविंद्र जायसवाल (वाराणसी उत्तर), गिरीश यादव (जौनपुर) और रमाशंकर पटेल (मड़िहान-मिर्जापुर) शामिल हैं.

इसके अलावा विधानसभा चुनाव से ऐन पहले बीजेपी छोड़कर एसपी में गए पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान (घोसी-मऊ) और बीजेपी का साथ छोड़कर इस बार एसपी से गठबंधन कर चुनाव लड़ रहे एसबीएसपी अध्यक्ष और पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर (जहूराबाद-गाजीपुर), गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी (मऊ सदर) और बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह (मल्हनी-जौनपुर) की उम्मीदवारी वाली सीट पर भी सातवें चरण में ही वोट डाले जाएंगे.

सातवें चरण के चुनाव के लिए प्रचार का कार्य शनिवार शाम समाप्त हो गया. प्रचार में राज्य के विपक्षी दलों एसपी, बीएसपी और कांग्रेस ने बीजेपी नीत सरकार की आलोचना करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी, तो सत्तारूढ़ बीजेपी ने सत्ता विरोधी माहौल को समाप्त करने के लिए पूर्ववर्ती एसपी सरकार के दौरान कथित गुंडाराज, माफिया राज और दंगों जैसे मुद्दों को उठाया.

चुनाव प्रचार अभियान में बीजेपी के विपक्षी दलों ने महंगाई, बेरोजगारी, किसान आंदोलन, लखीमपुर खीरी में किसान आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा में चार किसानों की मौत, आवारा पशुओं की समस्या, गुंडा राज और कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों के साथ मतदाताओं को लुभाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी.

सत्ता विरोधी लहर को खत्म करने की कोशिश करते हुए, बीजेपी ने पिछली एसपी सरकार के दौरान कथित अवैध वसूली, गुंडाराज, माफिया राज और मुजफ्फरनगर दंगों जैसे मुद्दों पर अपने प्रचार अभियान को केंद्रित किया और बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने जिन माफिया तत्वों को जेल में डाल दिया गया है, वे एसपी की सरकार बनने पर जेल से बाहर हो जाएंगे.

जनवरी में प्रदेश विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद राज्‍य में पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को हुआ था और सात मार्च को अंतिम और सातवें चरण का मतदान समाप्त होने के बाद 10 मार्च को मतगणना होगी.

प्रधानमंत्री मोदी ने चुनाव प्रचार के तहत आखिरी जनसभा को वाराणसी में संबोधित किया. एसपी संस्थापक मुलायम सिंह यादव तीसरे चरण की मैनपुरी की करहल सीट पर चुनाव प्रचार के बाद दूसरी बार इसी चरण में जौनपुर जिले की मल्हनी सीट पर सभा को संबोधित करने आए.

एसपी प्रमुख अखिलेश यादव के साथ पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने भी वाराणसी में एसपी गठबंधन के उम्मीदवारों का चुनाव प्रचार किया. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी वाराणसी में कांग्रेस उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार किया.

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मुख्‍यमंत्री आदित्‍यनाथ और उपमुख्‍यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इस क्षेत्र में बीजेपी गठबंधन के उम्मीदवारों के पक्ष में चुनाव प्रचार किया.

(भाषा के इनपुट्स के साथ)

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