उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी (एसपी) और राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के गठबंधन की पहली रैली आज यानी 7 दिसंबर को मेरठ के दबथुवा में आयोजित हुई. इस मौके पर एसपी चीफ अखिलेश यादव और आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी एक साथ मंच पर नजर आए. ‘परिवर्तन संदेश रैली’ में आरएलडी चीफ जयंत चौधरी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) समेत प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर जमकर हमला बोला. खबर में पढ़िए जयंत चौधरी ने क्या-क्या कहा.
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अपने संबोधन में आरएलडी चीफ ने कहा,
“आज मैं इस पंचायत में कहना चाहता हूं, हम और अखिलेश जी साथ चल रहे हैं. हमारे गठबंधन का ऐलान आज इसी मंच से हो गया. ये डबल इंजन की सरकार हम देंगे. जब अखिलेश जी का विजय रथ जीतकर लखनऊ पहुंचेगा, तब हम पहला काम चौधरी चरण सिंह जी की कर्मभूमि मेरठ में शहीद किसानों की स्मृति में एक स्मारक बनाने का करेंगे.”
जयंत चौधरी
जयंत ने सीएम योगी पर साधा निशाना
आरएलडी चीफ ने कहा, “अखिलेश जी ने एक्सप्रेसवे बनवाए. ये इंजीनियर की भाषा जानते हैं. ये विज्ञान समझते हैं. ये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बात करते हैं, लेकिन बाबा जी को ये सारी बातें समझ नहीं आतीं. बाबा जी को गुस्सा भी बहुत आता है. मैंने बाबा जी को हंसते हुए कभी नहीं देखा. एक बार आप भी नजर डालना बाबा जी तभी खुश नजर आते हैं, जब वो बछड़ों के बीच होते हैं. इस बार 22 में आप फैसला लो और बाबा जी को पूरी तरह फ्री कर दो कि चौबीस घंटे गोरखपुर में बछड़ों के साथ खेलें.”
पलायन का जिक्र कर जयंत ने सीएम योगी पर किया वार
जयंत चौधरी बोले, “आप देखिए यूपी के हमारे बाबा जी औरंगजेब को गाली देकर शुरुआत करते हैं और जाकर रुक जाती है उनकी गाड़ी कैराना के पलायन पर. उत्तर प्रदेश में नौजवान पेपर देने जाते हैं, पेपर लीक हो जाता है, भर्ती के लिए बुलाया जाता है, कभी नौकरी लग नहीं पाती. यहां से पलायन करके यूपी के हर जिले का नौजवान मजबूर होकर देश के बड़े शहरों में काम कर रहा है. उनको पलायन नहीं दिखता.”
इसके अलावा, जयंत ने कहीं ये बड़ी बातें
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“डबल इंजन की सरकार का देखा आपने क्या हाल है, बिजनौर में विधायक ने नारियल फोड़ा, सड़क टूट गई.”
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“एक साल तक किसानों पर वार हुआ, किसानों का अपमान हुआ, लेकिन बीजेपी के किसी भी नेता की एक शब्द बोलने की हिम्मत नहीं हुई.”
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“मैं जनता हूं बीजेपी में कुछ तो ऐसे हैं, जब उनकी भर्ती हुई थी तब तो वे घोड़े थे, अब वो खच्चर बना दिए गए हैं.”
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“हम नहीं भूल सकते कि लखीमपुर में किस तरह से किसानों को रौंदा गया था, आंदोलन में 700 लोगों की मौत हो गई.”
जयंत की तुलना में अखिलेश का पोस्टर छोटा, इन तस्वीरों का इशारा क्या, यहां जानिए
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