उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजे अब घोषित हो चुके हैं. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाला गठबंधन सरकार बनाने की तैयारी में है. वहीं, इस बीच एसपी के भीतर यह चर्चा जोर पकड़ने लगी है कि अगर अखिलेश यादव करहल की सीट छोड़ते हैं, तो स्वामी प्रसाद मौर्य को पार्टी वहां से चुनाव मैदान में उतार सकती है. बता दें कि रविवार को एसपी चीफ अखिलेश यादव और स्वामी प्रसाद मौर्य के बीच बंद कमरे में मुलाकात हुई. माना जा रहा है कि चुनाव में हार की वजह की समीक्षा की गई और साथ ही फाजिलनगर विधानसभा सीट से स्वामी प्रसाद मौर्य के हार के लिए बीजेपी के सोची-समझी रणनीति को वजह बताया गया.
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चर्चा है कि एसपी चीफ अखिलेश यादव के करीबी कुछ बड़े नेताओं ने यह फार्मूला पार्टी के भीतर रखा है, लेकिन कोई पुष्टि नहीं है. हालांकि पार्टी के एक धड़े का मानना है अखिलेश यादव इस बार करहल की सीट नहीं छोड़ेंगे और सदन में रहकर 2027 की लड़ाई के लिए लड़ाई का बड़ा संदेश देंगे. वहीं दूसरी तरफ इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अपनी सीट स्वामी प्रसाद मौर्य के लिए छोड़ कर गैर यादव ओबीसी को बड़ा संदेश देंगे, ताकि 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी अपने गैर यादव ओबीसी की नई केमिस्ट्री को धार दे सकें.
फिलहाल, एसपी की तरफ से इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. आपको बता दें कि 21 मार्च को समाजवादी पार्टी के विधायक दल की बैठक है और उसमें विधायक दल का नेता भी चुना जाना है. मगर क्या स्वामी प्रसाद मौर्य करहल से चुनाव लड़ेंगे? इस सवाल पर पार्टी के भीतर लोग चर्चा तो कर रहे हैं, लेकिन खुलकर बोलने को कोई तैयार नहीं.
RSS-BJP को ‘नाग-सांप’ खुद को नेवला बताने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य क्या हार के बाद बदल गए?
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