Akhilesh Yadav : अखिलेश यादव ने लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान अतीक अहमद के पुलिस सुरक्षा में मारे जाने का सवाल उठाया तो मस्जिद, मंदिर और जाति जनगणना के मुद्दों पर मौजूदा भाजपा सरकार को जमकर घेरा. अखिलेश यादव ने संसद में कहा कि, वर्तमान सरकार लोकतंत्र के सिद्धांतों के साथ खिलवाड़ कर रही है, जो पहले कभी नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि संविधान की सुरक्षा के बगैर न्याय की सुरक्षा संभव नहीं है, और जब न्याय संरक्षित होगा, तभी सभी को समान अवसर मिलेंगे और भेदभाव मिटेगा. इस उद्देश्य के लिए, उन्होंने एक बार फिर से "करो या मरो" आंदोलन की आवश्यकता पर जोर दिया.
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अतीक अहमद का नाम लिए बिना अखिलेश ने सरकार को घेरा
सपा प्रमुख ने कहा कि आज के समय में अगर किसी को न्याय चाहिए तो तहसील से सीएम आवास तक लोग आत्मदाह कर रहे हैं. यूपी के पूर्व सीएम ने कहा कि किसने नहीं देखा टीवी पर चलते हुए लोगों की जान ले ली गई. लाइव देखा है सबने.
सपा प्रमुख ने जताया जनता का आभार
अखिलेश यादव ने बताया कि, पिछले चुनावों में, कई सत्तारूढ़ दल के सदस्य कहते थे कि यदि उन्हें पर्याप्त सीटें मिल जाती हैं, तो वे संविधान में बदलाव कर देंगे. उन्होंने जनता का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने 400 पार के नारे को विफल कर दिया और उनके सपनों को तोड़ दिया. उन्होंने यह भी बताया कि कई लोग जिन्होंने दल बदल लिया, यदि एक बार फिर अपने पक्ष में आ जाते हैं, तो वर्तमान सरकार सत्ता से बाहर हो जाएगी.
जातिगत जनगणना पर कही ये बात
उत्तर प्रदेश के चुनावों के दौरान वोट डालने के अधिकार को लेकर हुई समस्याओं पर भी उन्होंने चिंता व्यक्त की. उन्होंने बताया कि कई लोगों को वोट डालने से रोका गया और उनके अधिकारों से वंचित किया गया. सपा प्रमुख ने उन महिलाओं का धन्यवाद किया जिन्होंने भय और धमकी की परवाह न करते हुए वोट डाला. आर्थिक न्याय के महत्व पर जोर देते हुए, अखिलेश यादव ने कहा कि जातिगत जनगणना की आवश्यकता है. उन्होंने धार्मिक असहमति पर भी चिंता व्यक्त की और कहा कि कुछ लोग मस्जिदों के नीचे मंदिर खोजने में लगे हैं, जो समाज में शांति नहीं चाहते.
यूपी की वर्तमान परिस्थितियों की आलोचना करते हुए, उन्होंने कहा कि आज यह राज्य पिछड़ता हुआ नजर आ रहा है, खासकर सरकारी नौकरी और शिक्षा के क्षेत्र में. उन्होंने पेपर लीक जैसी समस्याओं को भी उठाया और कहा कि आरक्षण से बचने के लिए सरकार परीक्षा में लापरवाही कर रही है. अग्निवीर योजना जैसी नीतियों को खारिज करते हुए, उन्होंने पुरानी भर्ती प्रणाली को अपनाने की बात की ताकि सीमाएं सुरक्षित रह सकें.
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