समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर से शहर से विधायक आजम खान अपने तीखे बयानों के लिए जाने जाते रहे हैं. बता दें कि आजम खान दसवीं बार विधायक के रूप में चुने गए हैं. वर्तमान समय में अदालत में कई मुकदमे लंबित होने के चलते वह सीतापुर की जेल में बंद हैं. नियम के मुताबिक, विधानसभा में विधायक को शपथ दिलाई जाती है. इसी से जुड़ा एक पत्र सीतापुर की जेल पहुंचा, जिसे वहां के जेल अधीक्षक ने रामपुर की एमपी-एमएलए अदालत को रेफर कर दिया. मगर अदालत ने आजम खान शपथ के लिए विधानसभा जाने की अनुमति नहीं दी. आइए जानता हैं, क्या है पूरा मामला.
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सरकारी वकील अरुण प्रकाश सक्सेना के मुताबिक,
“आजम खान को सीतापुर जेल से विधानसभा में शपथ ग्रहण में उपस्थित कराने के लिए जेल प्रशासन ने न्यायालय से अनुमति मांगी है. रामपुर एमपी-एमएलए कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र जेल अधीक्षक (सीतापुर) की ओर से प्राप्त हुआ है, जिसमें कहा गया है कि 28 और 29/3/2022 को शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थिति के लिए अनुमति की आवश्यकता है. आजम खान न्यायिक अभिरक्षा में हैं और काफी मामलों में उनकी जमानत मंजूर हो चुकी है. कुछ ही मामलों में अभी जमानत शेष है. ऐसी स्थिति में अंतरिम बेल दिए जाने का कोई प्रावधान मेरी राय में नहीं बनता है और माननीय न्यायालय एमपी-एमएलए कोर्ट से भी उन्हें कोई अनुमति शपथ ग्रहण में जाने की नहीं प्राप्त हुई है.”
अरुण प्रकाश सक्सेना
क्या है जेल में बंद आजम खान के पास ऑप्शन?
पहला नियम नवनिर्वाचित विधायक कोर्ट से शपथ ग्रहण करने के लिए अनुमति मांगे. कोर्ट शपथ ग्रहण करने के लिए सदन में जाने की अनुमति दें तब नव निर्वाचित विधायक सदन में जाकर शपथ ले सकता है.
जेल में बंद विधायक को अगर कोर्ट परमिशन नहीं देती है, तब दूसरा तरीका विधानसभा अध्यक्ष या प्रोटेम स्पीकर जेल में बंद विधायक को सदन में पेश करने का आदेश दें, तब नवनिर्वाचित विधायक को सदन में पेश कर शपथ दिलाई जा सकती है. मगर यह तरीका अमूमन सत्तारूढ़ दल के विधायक के लिए ही अपनाया जाता है।
वहीं, अगर विधानसभा अध्यक्ष या प्रोटेम स्पीकर विपक्षी दल के जेल में बंद विधायक को भी सदन में लाकर शपथ ग्रहण कराने का आदेश दें और कोर्ट विधायक को सदन में जाने की अनुमति न दें तब विधानसभा अध्यक्ष के इस आदेश के खिलाफ सिर्फ हाईकोर्ट में अपील की जा सकती है.
विधानसभा अध्यक्ष भी अगर जेल में बंद विधायक को नहीं बुलाते हैं, कोर्ट भी विधायक को सदन में जाकर शपथ लेने की अनुमति नहीं देती है तो जेल में बंद विधायक जब निकलेगा तभी शपथ लेगा. बिना शपथ के निर्वाचित विधायक सदन की कार्रवाई में हिस्सा नहीं ले सकता.
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