उत्तर प्रदेश में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है, राजनीतिक दल अलग-अलग वर्गों को लुभाने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं. इसी कड़ी में प्रबुद्ध सम्मेलनों की दौड़ भी जारी है, जिनको बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बाद अब समाजवादी पार्टी (एसपी) भी करने जा रही है.
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एसपी की प्रबुद्ध सभा की राज्य कार्यकारिणी बैठक में पार्टी से ब्राह्मणों को जोड़ने पर चिंतन हुआ है. एसपी 12 सितंबर से प्रबुद्ध सम्मेलन की शुरुआत करने जा रही है.
एसपी प्रबुद्ध सभा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज पांडे ने यूपी तक को बताया कि पार्टी 12 सितंबर को औरैया से प्रबुद्ध सम्मेलन की शुरुआत कर रही है. इसके बाद 17 सितंबर को फतेहपुर, 18 सितंबर को चित्रकूट और 19 सितंबर को बांदा में एसपी के प्रबुद्ध सम्मेलन होंगे.
पांडे ने बताया कि इस अभियान का समापन बांदा में नहीं होगा, बल्कि यह यात्रा आगे भी जारी रहेगी.
लगातार राजनीतिक दलों की ओर से दागियों को पार्टी में शामिल करने को लेकर मनोज पांडे ने कहा, ”कई बार लोगों पर जबरदस्ती आपराधिक मामले दर्ज कर दिए जाते हैं. महात्मा गांधी पर भी एक वक्त किए गए थे पर वह हमारे लिए मसीहा थे.”
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी के कृत्य अक्षम्य हैं और वह अपराधिक मानसिकता का है तो उसकी एसपी में कोई जगह नहीं है.
एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी के यूपी के चुनावी रण में उतरने को लेकर पांडे ने कहा कि लोकतंत्र है, सबको आजादी है पर जनता इस बार सिर्फ एसपी और अखिलेश यादव के साथ है.
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