उत्तर प्रदेश में 2022 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इस बीच, नेताओं की कुंडली पर नजर रखने वाली उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने नेताओं की संपत्ति, दर्ज मामलों की स्थिति और उनकी शिक्षा का ब्यौरा खंगालना शुरू किया है.
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एडीआर ने उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले मौजूदा विधानसभा के विधायकों की पूरी कुंडली सामने रखी है. 2017 में विधानसभा चुनाव और उपचुनाव में मौजूदा विधायकों ने जो शपथ पत्र दाखिल किए थे उनके विश्लेषण के बाद एडीआर ने यह रिपोर्ट जारी की है.
मौजूदा विधानसभा में 35 फीसदी विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें बीजेपी के सर्वाधिक 106 विधायक शामिल हैं. इतना ही नहीं, आपराधिक छवि के विधायकों के साथ-साथ करोड़पति विधायक भी सबसे ज्यादा बीजेपी में है.
यूपी इलेक्शन वॉच और एडीआर ने प्रदेश की 403 विधानसभा के 396 विधायकों के वित्तीय आपराधिक और अन्य विवरणों का विश्लेषण करने के बाद यह रिपोर्ट जारी की है. फिलहाल, विधानसभा में 7 सीटें खाली हैं.
एडीआर की रिपोर्ट में विधायकों और पार्टीवार पर ये तथ्य आए सामने-
यूपी में 140 यानी 35 फीसदी विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इन 140 विधायकों में 106 विधायकों पर हत्या, लूट और डकैती जैसे गंभीर अपराधों के मामले दर्ज हैं. पार्टीवार दागी विधायकों की बात करें तो बीजेपी के 304 विधायकों में 106 पर, एसपी के 49 में से 18 और बीएसपी के 18 में से 2 पर और कांग्रेस के एक विधायक पर आपराधिक मामले दर्ज हैं.
मौजूदा विधानसभा में विधायकों की हैसियत यानी संपत्ति की बात करें तो कुल 396 विधायकों में 313 यानी 79 फीसदी विधायक करोड़पति हैं. करोड़पति विधायकों में भी बीजेपी के 235, एसपी के 42, बीएसपी के 15 और कांग्रेस के 5 विधायक शामिल हैं.
औसतन हर विधायक की संपत्ति 5.85 करोड़ रुपये है. पार्टीवार विधायकों की औसत संपत्ति के हिसाब से बीजेपी के विधायकों की औसत संपत्ति 5.04 करोड़ रुपये, समाजवादी पार्टी के 49 विधायकों की औसत संपत्ति 6.07 करोड़ रुपये, बीएसपी के 16 विधायकों की औसत संपत्ति 19.27 करोड़ रुपये और कांग्रेस के 7 विधायकों की औसत संपत्ति 10.06 करोड़ रुपये है.
बता दें कि सबसे ज्यादा संपत्ति बीएसपी के मुबारकपुर से विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली के पास है. उनके पास 118 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति दर्ज की गई है. दूसरे नंबर पर बीएसपी के चुल्लू पार से विधायक विनय शंकर तिवारी के पास 67 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति है. वहीं, तीसरे नंबर पर बाह विधानसभा से विधायक रानी पक्षालिका सिंह के पास 58 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है.
संपत्ति के साथ-साथ मौजूदा विधायकों के ऊपर देनदारियां भी कम नहीं थीं. 49 विधायकों पर एक करोड़ से अधिक की देनदारी थी. इनमें उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री नंद गोपाल नंदी पर 26 करोड़ रुपये, नेचतुर विधानसभा से विधायक ओम कुमार पर 11 करोड़ रुपये, इलाहाबाद पश्चिमी विधानसभा से विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह पर 9 करोड़ रुपये की घोषित देनदारी रही.
एडीआर की रिपोर्ट ने विधायकों की शिक्षा का भी विश्लेषण किया तो कुल 396 विधायकों में 95 विधायक आठवीं से 12वीं पास हैं. 290 विधायक ग्रेजुएट हैं. 4 विधायक साक्षर भर हैं जबकि 5 विधायक डिप्लोमा होल्डर हैं.
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