तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) राष्ट्रीय स्तर पर केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ मिलकर लड़ेंगे जबकि कांग्रेस से भी समान दूरी बनाए रखेंगे. यह जानकारी सपा के वरिष्ठ नेता किरणमय नंदा ने दोनों दलों के प्रमुखों ममता बनर्जी और अखिलेश यादव की शुक्रवार को हुई बैठक के बाद दी.
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सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और पार्टी उपाध्यक्ष किरणमय नंदा ने बनर्जी से कोलकाता के कालीघाट स्थित उनके आवास जाकर मुलाकात की और नेताओं की बंद कमरे में करीब एक घंटे तक बातचीत हुई.
सपा की कांग्रेस और भाजपा दोनों से दूरी
नंदा ने ‘पीटीआई-भाषा’ ससे बैठक के बाद बताया, ‘‘यह फैसला किया गया है कि तृणमूल कांग्रेस और सपा भाजपा से लड़ने के लिए एकजुट होकर काम करेंगे. दोनों पार्टियां कांग्रेस से दूरी बनाए रखेंगी.’’
यादव ने कहा कि पार्टी कांग्रेस और भाजपा से समान दूरी बनाए रखने की नीति का अनुसरण कर रही हैं. उन्होंने संवादाताओं को बताया कि क्षेत्रीय पार्टियां आने वाले दिनों में अपनी रणनीति तय करेंगी.
उन्होंने कहा, ‘‘हम ममता बनर्जी से सौहार्द्रपूर्ण संबंध साझा करते हैं. स्वभाविक है कि मौजूदा राजनीतिक परिस्थिति पर भी बैठक में चर्चा की गई.’’ विपक्षी खेमे में कांग्रेस की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर यादव ने कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी को स्वयं तय करना है.
उन्होंने कहा, ‘‘ क्षेत्रीय पार्टियां अपनी भूमिका तय करने में सक्षम हैं. कांग्रेस को अपनी भूमिका तय करनी है। किसी को ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे (भाजपा से लड़ाई पर)बुरा प्रभाव पड़ सकता है.’’यादव ने कहा कि विपक्षी खेमे में कई चेहरे हैं जो प्रधानमंत्री बन सकते हैं.
तृणमूल कांग्रेस ने अब तक इस मुलाकात को लेकर आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है. पार्टी ने सिर्फ दोनों नेताओं के भेंट की तस्वीर साझा की है जिसमें वे एक-दूसरे का अभिवादन कर रहे हैं.
तृणमूल कांग्रेस ने ट्वीट किया, ‘‘सपा अध्यक्ष माननीय अखिलेश यादव ने हमारी माननीय अध्यक्ष (तृणमूल) ममता बनर्जी से आज कोलकाता में मुलाकात की.’’
अखिलेश यादव ने वर्ष 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस कर समर्थन किया था, जिसके जवाब में ममता बनर्जी ने वर्ष 2022 में उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान अखिलेश की पार्टी के लिए चुनाव प्रचार किया था.
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