एमपी-एमएलए अदालत ने यूपी सरकार के मंत्री मोहसिन राजा के खिलाफ 32 साल पुराने मामले में हाजिरी माफी और स्थगन अर्जी को खारिज करते हुए उनके खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया है. मामले की अगली सुनवाई आगामी पांच मार्च को होगी.
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अदालत में सुनवाई के समय आरोपी मंत्री मोहसिन रजा गैरहाजिर थे. उनकी तरफ से अधिवक्ता द्वारा हाजिरी माफी प्रार्थना पत्र के साथ स्थगन प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया. अदालत ने प्रार्थनापत्र को खारिज करते हुए कहा कि यह मामला बचाव पक्ष के सबूत रिकॉर्ड करने के लिए सूचीबद्ध किया गया था.
अदालत ने पाया कि रजा अदालत में हाजिर नहीं हुए और इसके बजाय उपस्थिति से छूट पाने का एक और आवेदन दाखिल कर दिया, लेकिन अदालत ने आवेदन को खारिज करते हुए कहा कि सुनवाई के दौरान उनके हाजिर नहीं रहने का कोई पर्याप्त कारण नहीं है.
अदालत में 32 वर्ष पुराने इस मामले में आरोपी अकबर हुसैन उपस्थित थे. अदालत ने इसके पहले सुनवाई की अगली तिथि 5 मार्च तय की थी. अभियेाजन के अनुसार मारपीट के इस मामले की रिपोर्ट वादी लल्लन ने 19 मई 1989 को आरोपी अरशद उर्फ मोहसिन रजा तथा अकबर हुसैन के विरुद्ध थाना वजीरगंज में लिखाई थी.
इसमें कहा गया था कि वादी घटना के दिन ट्रक संख्या यूटीसी -9810 को लेकर नबीउल्लाह रोड से बड़े छत्ते पुल की तरफ जा रहा था, तभी दोनों आरोपियों ने उसे ट्रक से खींचकर मारापीटा जिससे उसे काफी चोटें आई थीं. मोहसिन रजा वर्तमान में यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री हैं.
योगी सरकार में मंत्री मोहसिन रजा यूपी हज कमेटी के अध्यक्ष चुने गए
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