चुनाव आयोग ने कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर उत्तर प्रदेश समेत चुनावी राज्यों में फिजिकल रैली और रोडशो पर रोक 31 जनवरी तक बढ़ा दी है.
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इसके अलावा चुनाव आयोग ने कई और निर्देश दिए हैं, जो इस तरह हैं:
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घर-घर जाकर प्रचार कर रही टीम में कार्यकर्ताओं की संख्या अब पांच की जगह दस तक हो सकेगी.
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पहले चरण में मतदान वाले इलाकों में 28 जनवरी से आठ फरवरी तक नियमानुसार तय खुली जगहों पर छोटी फिजिकल पब्लिक मीटिंग्स की छूट होगी. दूसरे चरण के लिए यह अवधि एक फरवरी से 12 फरवरी तक होगी.
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पहले और दूसरे चरण में मतदान वाले क्षेत्रों में खुली तय जगह पर होने वाली छोटी फिजिकल पब्लिक मीटिंग्स में आने वाले लोगों की संख्या पांच सौ या फिर ग्राउंड की पूरी क्षमता से आधी, इनमें से जो भी कम हो, वही होगी.
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वीडियो वैन भी तय की गई खुली जगहों पर लगाई जाएंगी और वहां भी क्षमता से आधे या अधिकतम पांच सौ दर्शकों को पूरे कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए जमा होने की इजाजत होगी.
उचित समय पर चुनाव आयोग इन निर्देशों की समीक्षा करेगा.
बता दें कि आठ जनवरी को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा करते हुए, चुनाव आयोग ने 15 जनवरी तक भौतिक रैलियों, रोड और बाइक शो और इसी तरह के प्रचार कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी.
आयोग ने 15 जनवरी को इन प्रतिबंधों की अवधि 22 जनवरी तक बढ़ा दी थी. हालांकि, उसने सभागार की 50 प्रतिशत क्षमता या अधिकतम 300 लोगों के साथ बैठक करने की राजनीतिक दलों को अनुमति दी थी.
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