बाहुबली नेता और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को हत्या के एक केस में बड़ी राहत मिली है. मुख्तार अंसारी को गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने हत्या के प्रयास के मुकदमें में दोष मुक्त करार दिया है. फैसला सुनाते वक्त मुख्तार अंसारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बांदा मंडल कारागार से गाजीपुर की कोर्ट में मौजूद रहे. वकील ने बताया कि जिस समय फैसला सुनाया जा रहा था, उस समय मुख्तार की स्थिति कैसी थी.
ADVERTISEMENT
मुख्तार अंसारी पर मोहम्मदाबाद थाने में दर्ज 307 के मामले में 17 मई को कोर्ट ने फैसले सुनाते हुए दोष मुक्त कर दिया है. इस मामले में मुख्तार अंसारी के वकील लियाकत अली ने कहा कि 2005 से मुख्तार अंसारी जेल में निरूद्ध हैं और यह मुकदमा 2007 में अमीर हसन नाम के व्यक्ति ने सोनू यादव के ऊपर लगाया था. इसमें बाद में मुख्तार अंसारी को 120 बी के तहत आरोपी बनाया गया था. इस मामले में मुख्तार अंसारी को आज कोर्ट ने बरी करते हुए दोषमुक्त करार दिया है.
वकीस के मुताबिक जिस दौरान यह फैसला सुनाया जा रहा था उस वक्त मुख्तार अंसारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट रूम में मौजूद थे. उन्होंने फैसला सुनने के बाद खामोशी अख्तियार कर रखी थी. पिछले दिनों मुख्तार अंसारी को हाई कोर्ट से भी राहत मिली थी. . हाई कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट में सजा को चुनौती सजा को चुनौती देने वाली आपराधिक अपील को स्वीकार कर लिया है.
वहीं इस पूरे प्रकरण में ADGC क्रिमिनल एमपी-एमएलए कोर्ट गाजीपुर नीरज श्रीवस्ताव ने भी इस फैसले की पुष्टि करते हुए कहा कि मोहम्दाबाद कोतवाली में 24 नवंबर 2009 को मीर हसन नाम के व्यक्ति ने अपने ऊपर जान लेवा मुकदमा सोनू यादव के ऊपर दर्ज कराया था, जिसमें जांच के दौरान मुख्तार अंसारी को 120 B के तहत आरोप पत्र बाद में आया. सोनू का ट्रायल 2010 में हो गया था और वो बरी हो गया था.
उन्होंने आगे बताया कि मुख्तार की पत्रावली एमपी-एमएलए कोर्ट प्रयागराज से जब यहां आई तो फिर कार्यवाही यहां शुरू हुई. इस केस में मुख्तार अंसारी के खिलाफ गवाह पक्षद्रोही हो गए और सोनू यादव पहले ही बरी हो चुका था. लिहाजा इसका भी फायदा इन्हें मिला और आज कोर्ट ने इन्हें दोष मुक्त कर दिया है.
फिलहाल मुख्तार अंसारी को हत्या के प्रयास के इस मुकदमें में राहत तो मिल गई है, लेकिन इसी कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर के 2 मामलों में 10- 10 साल की दो-दो सजा दे रखी है और 20 मई को करंडा थाने के एक पुराने साल 2010 के मामले में 20 मई को फैसला आना है, जिसमें देखना है कि मुख्तार अंसारी पर कोर्ट क्या फैसला करती है.
ADVERTISEMENT