लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को होने वाली सुनवाई से पहले मॉनिटरिंग कमेटी ने अपनी स्टेटस रिपोर्ट शासन को सौंप दी है. शासन के जरिए यह स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश होगी. वहीं दूसरी तरफ अब तक 2 दर्जन से ज्यादा प्रत्यक्षदर्शियों के बयान पुलिस ने दर्ज कर लिए हैं.
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लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में पुलिस अब तक 26 प्रत्यक्षदर्शियों के कलम बंद बयान दर्ज कर चुकी है. कलम बंद बयान दर्ज कराने वालों में सबसे ज्यादा एक समुदाय विशेष के लोग हैं.
सूत्रों की मानें तो अब तक कलम बंद बयान दर्ज कराने वालों ने दावा किया है कि लखीमपुर खीरी हिंसा के वक्त केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा घटनास्थल पर मौजूद थे, कई लोगों ने बयान दिया है कि पुलिस वालों की मदद से वह घटनास्थल से फरार हुए.
इस हिंसा मामले में पुलिस ने बीजेपी कार्यकर्ताओं की पीट-पीटकर हत्या के मामले में भी जांच तेज कर दी है. पुलिस के सामने बयान देने आए किसानों को भी तस्वीरें दिखाकर हिंसा में शामिल लोगों की शिनाख्त कराने की कोशिश की गई है. घटना में शामिल आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लखीमपुर क्राइम ब्रांच आसपास के जिलों में भी तलाश कर रही है.
फिलहाल पुलिस को आशीष और अंकित दास के असलहों की बैलेस्टिक रिपोर्ट का इंतजार है. इसके अलावा घटनास्थल से मोबाइल लोकेशन की रिपोर्ट का भी पुलिस बेसब्री से इंतजार कर रही है.
असलहों की बैलेस्टिक रिपोर्ट से जहां यह तय होगा कि लाइसेंसी असलहों से फायरिंग हुई कि नहीं, तो वहीं दूसरी तरफ मोबाइल डीटेल्स से मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की घटनास्थल पर मौजूदगी के सवाल का जवाब भी मिल सकता है.
बता दें कि लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया इलाके में तीन अक्टूबर को भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी.
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के आरोपी आशीष मिश्रा को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया
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