गोरखपुर के एक होटल में पुलिस दबिश के बाद कानपुर के मनीष गुप्ता की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत पर मृतक की पत्नी का कहना है कि उनकी मांगों पर लिखित आश्वासन मिलने और सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद ही मनीष का अंतिम संस्कार होगा.
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इस मामले पर कानपुर के कमिश्नर असीम अरुण ने बताया, ”मैंने मुख्यमंत्री जी के आदेश पर (पीड़ित) परिवार से लंबी बातचीत की. परिवार के कष्ट को समझने की कोशिश की. मुख्यमंत्री जी ने ये इच्छा व्यक्त की है कि कल वो आएंगे कानपुर और परिवार मिलना चाहता था, हम लोग कल परिवार से उनकी भेंट कराएंगे.”
इस बीच, 29 सितंबर को कानपुर में मृतक के परिजनों के समर्थन में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए और उन्होंने पुलिस प्रशासन विरोधी नारे लगाए. इस दौरान उनकी पुलिस से झड़प होने से माहौल तनावपूर्ण हो गया.
बता दें कि मनीष की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता उर्फ कोमल गुप्ता ने सीएम योगी से फोन पर बात होने से भी इनकार किया है. मीनाक्षी ने सीएम योगी के नाम एक लेटर लिखकर अपनी ये मांगें सामने रखी हैं:
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”मेरे परिवार की आजाविका के लिए मुझे सरकारी नौकरी प्रदान करवाने की कृपा करें.”
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”गुजारे भत्ते के तौर पर पचास लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करें.”
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”गोरखपुर में दर्ज केस को कानपुर नगर में ट्रांसफर किया जाए. उसे फास्ट ट्रैक कोर्ट में संचालित किया जाए क्योंकि मेरे लिए अपने बुजुर्ग ससुर और बेटे को घर पर छोड़कर गोरखपुर जाना असंभव है.”
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”गोरखपुर में घटित इस घटना की सीबीआई जांच कराई जाए. होटल पर कार्रवाई हो. दोषी पुलिसकर्मियों/अधिकारियों के खिलाफ न्यायोचित कार्रवाई की जाए.”
क्या है पूरा मामला?
बताया जा रहा है कि गोरखपुर पुलिस सोमवार-मंगलवार की दरम्यानी रात होटल और सरायों में रुकने वाले लोगों की जांच के लिए निकली थी. पुलिस का दावा है कि ‘संदिग्धों के ठहरने की सूचना पर’ रामगढ़ताल थाना क्षेत्र के देवरिया बाईपास रोड पर स्थित एक होटल के कमरे को खुलवाया गया. यहीं रुके मनीष कुमार गुप्ता की इस मामले में मौत हुई है.
मनीष की पत्नी 28 सितंबर को गोरखपुर के इस होटल पहुंची थीं. इस दौरान उन्होंने बताया था, ”कानपुर से आई हूं. मेरे पति कल सुबह यहां आ गए थे. इसी होटल में रुके थे. रूम नंबर 512 में रुके थे. सुबह से शाम तक रुके. फिर ढाबा में खाना खाकर होटेल के रूम में आए. बातों बातों में (फोन पर) बताया कि बेटा कोई आ गया है, मैं 10 मिनट में करता हूं. उनकी बातों में हड़बड़ाहट थी. मुझे लगा कोई आ गया है. मैं 10 मिनट में बात कर लूंगी. उसी 10 मिनट के अंदर उन्होंने दुर्गेश को कॉल की है. बोला है कि बेटा यहां पुलिसवाले मुझसे जबर्दस्ती कर रहे हैं. मुझे मार रहे हैं. टॉर्चर कर रहे हैं. जबर्दस्ती थाने लेकर जा रहे हैं, जबकि मैंने कोई अपराध नहीं किया है.”
उन्होंने इसके आगे बताया था, ‘दुर्गेश ने तुरंत उनको (मनीष को) बोला कि बगल वाले इंस्पेक्टर, हवलदार जो भी हैं, उनसे बात करा दीजिए. फिर फोन कट गया. फोन उठा ही नहीं. दुर्गेश ने मुझे फोन किया कि मामी ऐसा ऐसा हो रहा है. मैंने भी लगातार कॉल की. मेरा भी फोन कट रहा था.”
मीनाक्षी ने मीडिया के कैमरे को होटल रूम की तरफ दिखाकर कहा कि घटना के बाद ”पूरा रूम खून से भरा था, पूरा फ्लोर गीला था, फ्लोर खून से लथपथ था. बाद में सफाई करा दी गई.” उन्होंने कहा कि सफाई हो गई है, लेकिन स्लीपर नहीं हटाया है, ये बताने के लिए कि सफाई नहीं हुई है.
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