कानपुर में जिंदा जल गईं मां-बेटी, परिजन बोले- ‘बुल्डोजर चलाते समय लगाई आग’

सूरज सिंह

• 04:17 AM • 14 Feb 2023

Kanpur Dehat News: उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात से एक बार फिर ह्रदय विदारक घटना सामने आई है. यहां पर अतिक्रमण हटाने गई जिला प्रशासन…

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Kanpur Dehat News: उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात से एक बार फिर ह्रदय विदारक घटना सामने आई है. यहां पर अतिक्रमण हटाने गई जिला प्रशासन की टीम से विवाद के बीच झोपड़ी में आग लगने से मां-बेटी की जिंदा जलकर मौत हो गई. वहीं, पिता और पुत्र गंभीर रूप से घायल हो गए. मामले में पीड़ित शख्स कृष्ण गोपाल दीक्षित ने आरोप लगाते हुए कहा कि बुल्डोजर चलाते वक्त ही आग लगा दी गई, जिसके चलते उनकी पत्नी और बेटी की मौत हो गई. इसके बाद घटना की सूचना मिलने पर कमिश्नर, एडीजी, आईजी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे. अधिकारियों ने परिजनों को कठोर कार्रवाई का आश्वासन दिलाया है. घटना की जानकारी होने पर प्रदेश सरकार की राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला भी मौके पर पहुंची और उन्होंने जिला जिलाधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

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विस्तार से जानिए पूरा मामला

आपको बता दें कि घटना जिले के रूरा थाना क्षेत्र के मड़ौली गांव की है. यहां गांव में रहने वाले कृष्ण गोपाल दीक्षित के यहां अतिक्रम हटाने गया तहसील प्रशासन की परिजनों से बहस हो गई. इसके चलते गांव में अफरा-तफरी मच गई. अचानक झोपड़ी में आग लग गई, जिसमें कृष्ण गोपाल की पत्नी प्रमिला दीक्षित और उनकी 23 वर्षीय बेटी की जिंदा जलकर मौत हो गई.

घटना की जानकारी पर ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया. इस दौरान ग्रामीणों ने मौके पर कड़ी लेखपाल की गाड़ी को पलट दिया. आरोप है कि झोपड़ी में जब कृष्ण गोपाल की पत्नी और बेटी अन्दर थीं तो, तभी उस झोपड़ी पर तहसील प्रशासन द्वारा उसपर बुल्डोजर चलवा दिया गया. जैसे ही बुल्डोजर झोपड़ी पर चला, वैसे ही आग ने विकराल रुप ले लिया और मां बेटी की जलकर मौत हो गई.

आग को बुझाने में कृष्ण गोपाल बुरी तरह से झुलस गए और बेटा शिवम भी जल गया. गांव में तनाव को देखते हुए भारी पुलिस बल के साथ पीएसी भी तैनात कर दी गई है. सूचना पर कानपुर कमिश्नर, ADG और आईजी ने परिजनों को शांत करवाते हुए ग्रामीणों को समझाया और कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया.

पीड़ित कृष्ण गोपाल के बेटे शिवम का आरोप है कि SDM मैथा, कानूनगो के साथ गांव के कुछ गुंडे ने आकर उनकी झोपड़ी, मंदिर और नल को गिरा दिया, जिसमें उनकी मां और बहन जल गए. उनका कहना है कि वो इस जगह पर सालों से रह रहे थे.

पीड़ित ने की ये मांग

पीड़ित कृष्ण गोपाल दीक्षित के अनुसार, 15 जनवरी को भी उन लोगों का एक बार यह निर्माण गिराया था, तब वो लोग बच्चों के साथ जिलाधिकारी के यहां पहुंचे थे. उनका आरोप है कि एडिशनल एसपी मारने दौड़े थे और दबाव बना कर भगा दिया था. बकौल दीक्षित, यह सब डीएम के इशारे पर हुआ है. उन्होंने कहा कि उनकी यह जमीन डेढ़ सौ वर्ष पुरानी है. उनकी मांग है कि दोषियों के ऊपर 302 का मुकदमा दर्ज हो और उनके लड़कों को सरकारी नौकरी मिले, पांच बीघा के पट्टे की जमीन मिले. साथ ही उन्होंने 5 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद की मांग की है.

आपको बता दें कि मृतक महिला का बड़ा बेटा शिवम बजरंग दल में सह संयोजक के पद पर है. जब घटना की जानकारी बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को मिली, तो दर्जनों की तादाद में कार्यकर्ता घटनास्थल पर पहुंच गए. उन्होंने जमकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. कार्यकर्ताओं का कहना था कि ‘हमारे बजरंग दल के सह संयोजक के घर पर जमीन खाली कराने के नाम पर एसडीएम, लेखपाल यहां पर आए और उनके घर में आग लगा दी जिससे उनका घर जल गया, उसमें उनकी माताजी और बेटी की जलकर मौत हो गई.’

घटना की जानकारी पर मौके पर पहुंचे जिले के एसपी बीवी जीपीएस मूर्ति ने बताया कि ‘एसडीएम के साथ रूरा थाने की फोर्स अवैध अतिक्रमण को हटाने पहुंची थी. उसी समय पीछे से एक महिला और उनकी बेटी दोनों कमरे के अंदर गए और जैसी जानकारी मिली है यहां से कि उन दोनों की जलकर मौत हो गई है. इसकी पूरी तरीके से जांच की जा रही है, जिसकी भी गलती होगी उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.’ साथ ही उनका कहना है कि जब भी एंक्रोचमेंट हटाया जाता है, तो उसमें वीडियोग्राफी कराई जाती है, उसके अनुसार विधिक कार्रवाई की जाएगी.

राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला बोलीं- ‘मैं हिफाजत नहीं कर पाई’

उत्तर प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला और अकबरपुर विधानसभा से विधायक अपने कार्यकर्ताओं के साथ मौके पर पहुंचीं. विधायक ने बताया कि एक महीना पहले भी यह परिवार हमारे पास आया था. तब हमने जिलाअधिकारी नेहा जैन से बात की थी. तब हमें नहीं पता था कि उल्टे उस परिवार पर ही कार्रवाई कर दी गई है और आज यह इतनी बड़ी घटना हो गई. अगर यह जानकारी पहले से होती तो शायद यह घटना न होती. मैं क्षेत्र की विधायक हूं. मेरे महिला कल्याण में रहने से क्या फायदा? जब मैं अपने क्षेत्र की ही महिला बेटियों की हिफाजत नहीं कर पा रही हूं. इस पूरी घटना पर बहुत ही दुख है. वहीं, प्रतिभा शुक्ला ने जिलाअधिकारी को निष्ठुर बताते हुए कहा कि मुझे नहीं पता था कि मैं जिसको मदद के लिए भेज रही हूं, उल्टा उसी पर कार्रवाई कर दी जाएगी. इस पूरे मामले में जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी. वह चाहे लेखपाल हो या फिर डीएम.

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