उत्तर प्रदेश में बढ़ते गर्मी के पारे के साथ-साथ बिजली की कटौती की समस्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है. राज्य में कागजों पर तो पर्याप्त बिजली मौजूद है, लेकिन उपभोक्ता को सिस्टम में हो रही गड़बड़ी के चलते कटौती का सामना करना पड़ता है. लोकल फॉल्ट बेकाबू है. इसका कारण है कि पीक आवर में सब स्टेशन पर 1.97 करोड़ केवी का अतिरिक्त भार पड़ रहा है. ऐसे में कई फीडर सूख रहा है, तो कहीं ट्रांसफार्मर में आग लग रही है. आलम यह है कि रात में बेवक्त बिजली जा रही है और आम आदमी परेशान हो रहा है.
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मंगलवार रात करीब 10:00 बजे ये खपत 27600 मेगा वॉट पहुंच गई, जो अब तक की सबसे ज्यादा बताई जा रही है. आने वाले दो-तीन दिनों में प्रदेश की मांग 28000 मेगावाट को पार कर जाएगी. पावर कॉरपोरेशन के शेड्यूल के मुताबिक, शहर में 24 और ग्रामीण इलाकों में 18 घंटे बिजली देने का दावा किया जा रहा है, लेकिन हकीकत यह है कि रात में 3 से 4 घंटे कटौती हो रही है.
सबसे पहले बात राजधानी लखनऊ की करते हैं, जहां पर आलमबाग मानस नगर गोमती नगर राजाजीपुरम जानकीपुरम चिनहट और सरोजिनी नगर जैसे इलाकों में फॉल्ट के कारण घंटों बिजली की कटौती रही. विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, यूपी में 3.52 करोड़ उपभोक्ता हैं, जिनका भार 7.47 करोड़ किलोवाट का है, जबकि पावर कॉरपोरेशन की 132 केवी के सब स्टेशन की कुल क्षमता 5.55 करोड़ किलोवाट की है यानी 1.97 लाख करोड़ अतिरिक्त भार है. ऐसे में जब उपभोक्ता अतिरिक्त भार का प्रयोग करता है तो पावर कॉरपोरेशन का सिस्टम ठप हो जाता है.
यूपीतक से बातचीत में राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि सरकार और विभाग में समय रहते बिजली के तारों ट्रांसफार्मर और मेंटानस संबंधी काम नहीं किए गए. इसके चलते तापमान बढ़ने के बाद की समस्या हो रही है.
उन्होंने कहा कि फिलहाल सिस्टम पूरी तरह से मिसमैच है, जिसकी वजह से भरपूर बिजली की आपूर्ति होने के बाद भी उपभोक्ता ट्रिपिंग और लो वोल्टेज की समस्या का सामना कर रहे हैं. जब तक समस्या दूर नहीं होगी तब तक बिजली की आपूर्ति पूरी नहीं हो पाएगी. जब तक मानसून नहीं आ जाता तब तक उपभोक्ताओं की परेशानी कम नहीं होगी.
यूपीतक की टीम ने राजधानी लखनऊ समेत प्रयागराज, चंदौली, झांसी और गोरखपुर जिलों का मुयैना किया. जहां दिन में 3-4 घंटे बिजली कटना आम बात हो चुकी है. आलम यह कि राजधानी लखनऊ के राजाजीपुरम, अर्जुनगंज समेत शहर के कई इलाकों में घंटों बिजली गुल रही. मानस नगर निवासी सरिता मिश्रा ने कहा कि देर रात 2 से 3 घंटे बिजली कटती है, जिसके चलते लोगों का रहना मुश्किल हो गया है. लगातार लोड बढ़ रहा है और ट्रांसफार्मर के जलने जैसी समस्या हो गई है, जिसका निदान काफी समय बाद हो पाता है.
ऐसे ही आलमबाग के निवासी विजय सक्सेना कहते हैं कि पिछले साल से इस साल की तुलना में बिजली कटौती की परेशानी ज्यादा बढ़ गई है. पीक आवर में लोड बढ़ने के कारण बार-बार बिजली कटती है और घरों में समस्या हो रही है. सरकार ने विभाग में मेंटेनेंस का काम समय पर नहीं किया और इनके तार ट्रांसफार्मर फीडर सभी फूटते हुए नजर आते हैं. गर्मी बढ़ने के साथ-साथ बिजली की समस्या भी बढ़ती जा रही है. एक और महिला निवासी कहते हैं कि समय पर बिजली दुरुस्ती नहीं की गई, इसीलिए अब ज्यादा समस्या है.
वहीं, राजधानी लखनऊ के लेसा में 12 लाख विद्युत उपभोक्ताओं का कुल संयोजित भार 32 लाख किलो वाट के पार है और वहीं लेसा 33/केबी सब स्टेशनों की क्षमता केवल 24 लाख किलो वाट के बराबर है. ऊपर से बिजली चोरी का लोड अलग है. ऐसे में सिस्टम पीक आवर्स में जवाब दे रहा है. पिछले चार-पांच दिनों में यह समस्या और बढ़ी है. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में जब तक बारिश नहीं होती तब तक यह और बढ़ती नजर आएगी. इसका जवाब और इलाज विभाग के पास फिलहाल नहीं है.
विभागीय सूत्रों के मुताबिक, जो लाइन मेंटेनेंस का काम अमूमन नवंबर और दिसंबर के महीने में किया जाता था, उसकी स्वीकृति इस बार अप्रैल के महीने में हुई है, जिसके चलते लाइन से लेकर ट्रांसफार्मर फीडर और तमाम संसाधनों के मरम्मत का काम गर्मी में ही शुरू हुआ, जो अभी तक पूरा नहीं हो पाया है. यह समस्या पिछले साल की तुलना में इस बार ज्यादा बढ़ गई है.
वहीं, यूपी में हो रही बिजली कटौती पर यूपीतक से बातचीत करते हुए ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि पिछले साल के मुकाबले इस साल जो मांग है, वह 27600 मेगावाट तक पहुंच गई है. जिसकी पूर्ति हम कर पा रहे हैं, लेकिन उसके साथ ही ट्रांसफार्मर और लोड फेलियर की भी समस्या सामने है. विभाग लगातार सक्रिय है, लेकिन बढ़ती गर्मी के साथ हो रहे हैं फॉल्ट, तारों के बदलाव और ट्रांसफार्मर बदलने की प्रक्रिया तेज हुई है और निर्देश हैं कि जहां भी ट्रांसफार्मर फॉल्ट, तार संबंधित समस्याएं हैं उन्हें तुरंत सही किया जाए.
उन्होंने कहा कि सर्दियों में होने वाला मेंटेनेंस का काम इस बार भी हुआ, लेकिन लोड ज्यादा होने के कारण समस्या ज्यादा है. नई योजना के तहत तारों के बदलाव का काम भी चल रहा है. यूपी में बिजली की आपूर्ति पूरी हो रही है और मांग के अनुरूप सप्लाई भी है, लेकिन जहां पर सिस्टम मेंटेनेंस की समस्या है उसे सरकार दुरुस्त कर रही है, सिस्टम बदलाव में समय लगेगा.
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