यूपी BJP की इस नई टीम के पीछे है बड़ा सियासी संदेश, बनाया दलित-ओबीसी का ये गठजोड़

कुमार अभिषेक

• 07:11 AM • 26 Mar 2023

मिशन-24 को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने अपनी कमर कस ली है. लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर यूपी में भाजपा की टीम तैयार है. इस…

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मिशन-24 को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने अपनी कमर कस ली है. लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर यूपी में भाजपा की टीम तैयार है. इस टीम की खास बात यह है कि बीजेपी की इस टीम में 50 प्रतिशत से ज्यादा दलित और ओबीसी चेहरे हैं. भाजपा की इस टीम के ऊपर यूपी की 80 सीटों पर पार्टी को विजयी बनाने की जिम्मेदारी होगी.

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बता दें कि इस टीम में ज्यादातर पुराने चेहरे हैं. मगर कुछ नए लोगों को भी जोड़कर नई टीम बनाने की कोशिश की गई है. इस टीम में संगठन महामंत्री घर्मपाल सिंह की भी छाप दिखाई दे रही है. यूपी बीजेपी की इस टीम में 6 क्षेत्रीय अध्यक्ष, 18 प्रदेश उपाध्यक्ष और 16 प्रदेश मंत्री हैं. इसके साथ ही इस टीम में 7 प्रदेश मंत्री भी बनाए गए हैं.

दलित-ओबीसी पर फोकस

यूपी बीजेपी ने जिस नई टीम का ऐलान किया है उसकी सबसे खास बात यही है कि इसमें 50 प्रतिशत से अधिक दलित और ओबीसी नेताओं को जगह मिली है. संदेश साफ है, भाजपा ज्यादा से ज्यादा दलित और ओबीसी वोटों को अपनी तरफ लाना चाहती है.

जातीय संतुलन को साधा

मिशन-24 को लेकर भाजपा पूरी तरह से सतर्क है. भाजपा जातीय समीकरणों को भी साध रही है. इसका असर भाजपा की नई टीम में देखा जा सकता है. संगठन के लिहाज से अध्यक्ष और संगठन महामंत्री के बाद सबसे अहम क्षेत्रीय अध्यक्षों का पद होता है, क्योंकि पूरे प्रदेश को 6 क्षेत्रों में बांटा गया है.

क्षेत्रीय अध्यक्ष के पदों में भी इस बार जातीय संतुलन को ध्यान में रखा गया है. 6 क्षेत्रीय अध्यकों में पाल और गडरिया समुदाय से 1, कुर्मी समुदाय से 1 और 1 शाक्य समाज का क्षेत्रीय अध्यक्ष बनाया गया है. इसी के साथ ब्राह्मण, ठाकुर और भूमिहार वर्ग से भी 1-1 क्षेत्रीय अध्यक्ष बनाया गया है.

यूपी चीफ और संगठन महामंत्री भी ओबीसी

बता दें कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और संगठन महामंत्री दोनों ही ओबीसी वर्ग से आते हैं. यूपी चीफ भूपेंद्र चौधरी जाट समाज से संबंध रखते हैं तो वहीं संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह सैनी, सैनी समज से आते हैं. यह दोनों ही जातियां उत्तर प्रदेश की ओबीसी जातियां हैं.

ये हैं क्षेत्रीय अध्यक्ष

भाजपा ने यूपी को 6 क्षेत्रों में बांटा है. हर क्षेत्र की जिम्मेदारी क्षेत्रीय अध्यक्ष को दी गई है.  वाराणसी क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी दिलीप पटेल को दी गई है, तो वहीं कानपुर क्षेत्र की जिम्मेदारी प्रकाश पाल को दी गई है. बरेली और लखीमपुर खीरी क्षेत्र की जिम्मेदारी ध्रुव विजय सिंह शाक्य को दी गई है. इसी के साथ सहजानंद राय को गोरखपुर क्षेत्र, कमलेश मिश्र को अवध और सत्येंद्र सिसोदिया के पश्चिमी क्षेत्र का क्षेत्रीय अध्यक्ष बनाया गया.

20 प्रतिशत दलित वर्ग को मिली जगह

अगर जातिवार चेहरों को देखें तो संगठन में दलितों को लगभग 20 प्रतिशत जगह दी गई है. इस टीम में दलित वर्ग से आने वाले 8 चेहरों को जगह दी गई है. इसमें 2 जाटव, 2 पासी, 1 वाल्मीकि, 1 सोनकर और 2 कोरी समाज से आते हैं.

एबीवीपी के चेहरों को भी मिली संगठन में जगह

आपको बता दें कि प्रदेश संगठन महामंत्री रहते हुए सुनील बंसल ने बीजेपी संगठन में एबीवीपी के चेहरों को संगठन से जोड़ा था. इस बार भी उसी प्रथा को आगे बढ़ाया गया है.  धर्मपाल सिंह सैनी ने भी इस बार एबीवीपी के लोगों को संगठन में खूब लगाया है. इस बार भी एबीवीपी से जुड़े करीब दर्जन भर चेहरों को टीम में जगह दी गई है.

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