कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के ‘यूपी दे भैया’ वाले बयान से पैदा हुए राजनीतिक विवाद पर उनका बचाव किया है. उन्होंने कहा है कि यह टिप्पणी उत्तरी राज्य में आम आदमी पार्टी के नेताओं और बीजेपी प्रचारकों के लिए की गई थी.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मुख्यमंत्री चन्नी और कथित तौर पर उनके सुर में सुर मिलाने वाली प्रियंका पर निशाना साधे जाने के कुछ घंटों बाद, कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘BJP ने अपने प्रचार तंत्र का इस्तेमाल कर टिप्पणी को तोड़-मरोड़ कर पेश किया.’
प्रियंका गांधी ने कहा, ‘चन्नी जी ने विशेष रूप से कहा कि पंजाब पर पंजाबियों का शासन होना चाहिए, न कि बाहरी लोगों का. उनकी टिप्पणी का संदर्भ यह था. वह पंजाब में आप नेताओं और भाजपा प्रचारकों का जिक्र कर रहे थे.’
प्रियंका ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक बयान में कहा, ‘भाजपा, अपने शीर्ष उद्योगपति मित्रों द्वारा वित्त पोषित अपने प्रचार तंत्र की मदद से, विकृत बयानों का सहारा लेती है और विपक्ष के खिलाफ उनका इस्तेमाल करती है क्योंकि उसके पास बहस करने के लिए राजनीतिक बिंदू नहीं हैं.’
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश के लोगों का अपमान किया है. उनके इस आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रियंका ने मोदी से उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ विभिन्न अपराधों पर उनके रुख को लेकर सवाल पूछा.
प्रियंका ने कहा, ‘मैं उनसे हाथरस बलात्कार मामले, उन्नाव बलात्कार मामले, अरुण वाल्मीकि की हिरासत में हत्या, सोनभद्र में आदिवासियों के नरसंहार, पासी परिवार के नरसंहार और प्रयागराज में निषाद समुदाय की नौकाओं को जलाने पर उनका रुख पूछना चाहती हूं.”
कांग्रेस नेता ने कहा, ”मैं जानना चाहती हूं कि उन्होंने गृह राज्य मंत्री (अजय मिश्रा) से इस्तीफा देने के लिए क्यों नहीं कहा, इस तथ्य के बावजूद कि उनके बेटे ने छह किसानों को कुचल दिया था. मैं मंत्री के बेटे की जमानत पर उनका रुख जानना चाहता हूं.’ उन्होंने आगे कहा कि इन मुद्दों पर प्रधानमंत्री की चुप्पी यूपी के लोगों का अपमान है.
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस टिप्पणी को लेकर चन्नी की आलोचना की. प्रधानमंत्री ने सवाल किया कि क्या मुख्यमंत्री उस भूमि के लिए ऐसी भाषा का इस्तेमाल कर सकते हैं जहां गुरु रविवास और सिख गुरु गोविंद सिंह का जन्म हुआ था.
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