उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव फिर से लड़ रहे 90 प्रतिशत से अधिक विधायकों की संपत्ति पिछले पांच साल के दौरान बढ़ गई यानी ये विधायक और ज्यादा अमीर हो गए. चुनाव पर नजर रखने वाली एक गैर-सरकारी संस्था की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2017 के बाद से बीजेपी प्रत्याशियों की संपत्ति में सबसे ज्यादा वृद्धि हुई.
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एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) और उत्तर प्रदेश चुनाव वॉच (यूपीईडब्ल्यू) की ताजा रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे 301 विधायकों (निर्दलीय विधायक समेत) की औसत संपत्ति साल 2017 में 5.68 करोड़ रुपये के बराबर थी, लेकिन साल 2022 में इन विधायकों के चुनावी हलफनामे में इनकी औसत संपत्ति बढ़कर 8.87 करोड़ रुपये के बराबर हो गई.
विधानसभा चुनाव में फिर उतरे विधायकों (एमएलए या एमएलसी) में से 284 विधायकों (94 प्रतिशत) की संपत्ति शून्य प्रतिशत से 22057 प्रतिशत तक बढ़ गई, जबकि 17 प्रतिशत विधायकों (एमएलए-एमएलसी) की संपत्ति एक प्रतिशत से 36 प्रतिशत तक कम हुई है.
रिपोर्ट के मुताबिक, जिन पांच उम्मीदवारों की संपत्ति पिछले पांच साल में सर्वाधिक बढ़ी है उनमें रायबरेली से बीजेपी उम्मीदवार अदिति सिंह भी शामिल हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, उनकी संपत्ति पांच सालों में करीब 30 करोड़ रुपये बढ़ गई. उनकी संपत्ति वर्ष 2017 में 13.98 लाख रुपये थी, जो साल 2022 तक 22057 प्रतिशत बढ़कर 30.98 करोड़ रुपये हो गई. सिंह पिछले साल बीजेपी में शामिल हो गई थीं, लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने रायबरेली सीट से कांग्रेस के टिकट पर बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी.
रिपोर्ट के मुताबिक, मुबारकपुर सीट से ऑल इंडिया मजिलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के उम्मीदवार शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली की संपत्ति पिछले पांच सालों में 77.09 करोड़ रुपये बढ़ गई. जमाली ने साल 2022 के चुनावी हलफनामे में अपनी संपत्ति 195.85 करोड़ रुपये बताई है, जबकि साल 2017 के चुनावी हलफनामे में उन्होंने अपनी संपत्ति 118.76 करोड़ रुपये बताई थी.
एआईएमआईएम उम्मीदवार के बाद दूसरे नंबर पर बीजेपी के सहेंद्र सिंह रमाला हैं, जिनकी संपत्ति में 46.45 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, रमाला की संपत्ति साल 2017 में 38.04 करोड़ रुपये थी, जो साल 2022 में 84.50 करोड़ रुपये हो गई. रमाला बीजेपी के टिकट पर छपरौली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.
रिपोर्ट में बताया गया कि फूलपुर सीट से बीजेपी उम्मीदवार प्रवीण पटेल की संपत्ति पांच सालों में 31.99 करोड़ रुपये बढ़ गई. पटेल की संपत्ति साल 2017 में 8.26 करोड़ रुपये थी, जो साल 2022 में बढ़कर 44.26 करोड़ रुपये हो गई.
पार्टीवार विश्लेषण के आधार पर एडीआर-यूपीईडब्ल्यू ने पाया कि एक बार फिर विधायक बनने के लिए चुनाव लड़ रहे बीजेपी उम्मीदवारों की सामूहिक औसत संपत्ति में पांच साल के दौरान सबसे ज्यादा इजाफा हुआ है. बीजेपी के ऐसे 223 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति साल 2017 के 5.27 करोड़ रुपये के मुकाबले साल 2022 में बढ़कर 8.43 करोड़ रुपये हो गई यानी 59.87 प्रतिशत का इजाफा हुआ.
रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी के बाद फिर विधायक बनने के लिए चुनाव लड़ रहे समाजवादी पार्टी (एसपी) के 55 उम्मीदवार की कुल औसत संपत्ति वर्ष 2017 के 4.60 करोड़ रुपये के मुकाबले बढ़कर 2022 में 6.73 करोड़ रुपये हो गई यानी 46.18 प्रतिशत का इजाफा हुआ.
रिपोर्ट में बताया गया कि एक और कार्यकाल के लिए विधानसभा चुनाव लड़ रहे बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के आठ उम्मीदवारों की औसत संपत्ति साल 2017 के 9.82 करोड़ रुपये के मुकाबले साल 2022 में बढ़कर 14.48 करोड़ रुपये हो गई यानी 47.42 प्रतिशत इजाफा हुआ.
रिपोर्ट में बताया गया कि फिर से विधायक बनने के लिए प्रयासरत कांग्रेस के चार उम्मीदवारों की औसत संपत्ति साल 2017 के 8.84 करोड़ रुपये के मुकाबले साल 2022 में 9.8 करोड़ रुपये हो गयी यानी कुल 10.88 प्रतिशत इजाफा हुआ.
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