भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सहयोगी पार्टी अपना दल (एस) की चीफ अनुप्रिया पटेल ने खुद को बीजेपी की विचारधारा से अलग बताया है.
ADVERTISEMENT
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अनुप्रिया ने कहा है, ”हम वैचारिक रूप से बीजेपी से अलग हैं. लोग मुझसे हिंदुत्व और उन सभी मुद्दों पर सवाल पूछने की कोशिश कर रहे हैं, मैं उन सभी मुद्दों से खुद को अलग रखती हूं और मेरी पार्टी धार्मिक राजनीति नहीं करती है. हम सामाजिक न्याय के लिए खड़े हैं.”
उन्होंने कहा, “हमने हमेशा समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों के लिए काम किया है, चाहे वो सड़कों पर हो या संसद में. यह हमारा सिद्धांत है और हम केवल इसी पर टिके रहते हैं.”
अपना दल (एस) यूपी में पिछले तीन चुनावों- 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव और 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की सहयोगी पार्टी रही है. इस बार अपना दल (एस) हैदर अली को टिकट देकर काफी चर्चा में है.
कांग्रेस की दिग्गज नेता बेगम नूरबानो के पोते हैदर अली को अपना दल (एस) ने रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से टिकट दिया है. वह समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.
पटेल ने कहा, “मुझे नहीं पता कि हर कोई उन्हें (हैदर अली को) धर्म के नजरिए से क्यों देख रहा है. वह एक होनहार युवा हैं, जो शिक्षित हैं.”
2017 के विधानसभा चुनाव में एनडीए से एक भी मुस्लिम उम्मीदवार न होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी उम्मीदवारों को धर्म के चश्मे से नहीं देखती है. गौरतलब है कि इस चुनाव में अली हैदर अपना दल (एस) और एनडीए के लिए भी पहले मुस्लिम उम्मीदवार हैं.
पटेल ने कहा, “मेरी पार्टी के पहले विधायक मुसलमान थे, जो प्रतापगढ़ की सदर सीट से जीते थे, जिनका नाम हाजी मुन्ना था, उस वक्त पार्टी के संस्थापक सोनेलाल पटेल जीवित थे. कई मुसलमान अपना दल के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. इसलिए मेरी पार्टी के लिए मुसलमान अछूत नहीं हैं और मैं उम्मीदवारों को उनके धर्म के नजरिए से नहीं देखती हूं.”
UP चुनाव: अपना दल (S) ने 2 और प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की, देखें किसे कहां से मिला टिकट
ADVERTISEMENT