उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 की सियासी सरगर्मियों के बीच बीजेपी और कांग्रेस में ‘ट्विटर वॉर’ देखने को मिला.
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इसकी शुरुआत तब हुई जब 26 फरवरी को कांग्रेस ने ट्वीट कर गृह मंत्री अमित शाह के बयानों पर निशाना साधा. इसके बाद कांग्रेस ने शाह के दो बयानों को शेयर करते हुए लिखा, “अमित शाह जी, अपनी ही बातों पर गौर करते तो, उन्हें पता चलता कि कुछ मिनट पहले ही उन्होंने क्या बोला था और कुछ मिनट बाद उन्होंने क्या बोला है. इन लोगों पर जुमले और झूठ इतने हावी हो चुके हैं कि कुछ मिनट पहले की ही बात भूल जाते हैं.”
पोस्टर में अमित शाह के दो बयानों का जिक्र किया गया है. शाह के दोनों बयान चुनावी जनसभा को संबोधित करने के दौरान के हैं. 25 फरवरी को अमित शाह ने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा था, “ये जाति और धर्म के आधार पर राजनीति करने वाले गरीबों और पिछड़ों का भला नहीं कर सकते. गरीब और पिछड़े समाज का भला मोदी जी के नेतृत्व में केवल NDA कर सकता है.”
वहीं डिप्टी सीएम और सिराथू से बीजेपी प्रत्याशी केशव प्रसाद के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा था, “2013 में जब उत्तर प्रदेश में चुनाव का प्रभारी बनकर आया, तब सबसे पहले यूपी में पिछड़ा समाज की आवाज बनने वाला कोई व्यक्ति था तो वो केशव प्रसाद मौर्य जी थे.”
अमित शाह पर हमला करने वाले कांग्रेस के इस ट्वीट पर बीजेपी ने पलटवार करते हुए एक ट्वीट किया. बीजेपी ने लिखा, “जिनको समाज और जाति में अंतर नहीं पता वो उत्तर प्रदेश में सत्ता पाने के सपने देख रहे हैं. समाज और जाति को लेकर कांग्रेस की समझ उतनी ही है जितनी इनके नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को गरीब, किसान और खेती की समझ है.”
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