इंटरव्यू: क्या अखिलेश के लिए ‘करो या मरो’ की स्थिति? जानें CM योगी के लिए दिया क्या संदेश

यूपी तक

• 04:45 PM • 21 Feb 2022

उत्तर प्रदेश में चल रहे विधानसभा चुनाव के बीच समाजवादी पार्टी (एसपी) चीफ अखिलेश यादव ने इंडिया टुडे के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई के साथ…

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उत्तर प्रदेश में चल रहे विधानसभा चुनाव के बीच समाजवादी पार्टी (एसपी) चीफ अखिलेश यादव ने इंडिया टुडे के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई के साथ खास बातचीत की है.

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इस दौरान जब अखिलेश से पूछा गया- यूपी में का बा? तो उन्होंने कहा, ”यूपी में बदलाव है, बीजेपी को यहां का किसान-नौजवान माफ करने वाला नहीं है, इनको इस बार चुनाव में साफ कर देगा.”

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ’80 बनाम 20′ वाले बयान के जवाब में अखिलेश ने दावा किया कि 80 फीसदी जनता एसपी गठबंधन के साथ है. पढ़िए इस इंटरव्यू के संपादित अंश…

पहला सवाल आपसे है कि यूपी में का बा?

यूपी में बदलाव है, लोग चुनाव लड़ रहे, जनता परिवर्तन चाहती है. बीजेपी को यहां का किसान, नौजवान माफ करने वाला नहीं है, साफ कर देगा.

पहले दो राउंड के बाद आपने कहा कि क्लीन स्वीप है. 300 सीटें आ रही हैं, अमित शाह ने यही दावा कर रहे हैं?

आप चेहरे पर पढ़ सकते हो, भाषा से पढ़ सकते हो. यह चुनाव नौकरी, किसान, महंगे पेट्रोल, डीजल, सिलिंडर जैसे मुद्दों पर है. आखिरकार क्या नतीजा होगा, यह आप उनकी भाषा से पढ़ सकते हो.

बीजेपी फ्री राशन, महिलाओं की सुरक्षा की बात करती है?

जालौन में दो दिन पहले बेटी किडनैप हुई उसकी लाश मिली, आगरा में अपहरण हुआ उसकी लाश मिली. देश के आंकड़े कहते हैं कि महिलाएं सबसे ज्यादा असुरक्षित यूपी में हैं. महिला आयोग को 50 फीसदी शिकायतें यूपी से मिलती हैं. आप बताइए एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा असुरक्षित महिलाएं कहां हैं. हाथरस जैसी घटनाएं कहां हो रही हैं

अगर आप जीत को लेकर इतने कॉन्फिडेंट हैं, तो बीमार मुलायम सिंह यादव क्यों करहल प्रचार में उतरे?

जो करहल में बीजेपी प्रत्याशी हैं खुद अपने पर हमला करा रहे हैं. नेताजी का वह क्षेत्र रहा है. कई बार सांसद रहे हैं, वहां पढ़े हैं, वहां पढ़ाया है, वहां नेताजी ने दांव सीखे हैं. मैं दो बार गया हूं, नेताजी सिर्फ एक बार गए हैं. बीजेपी को तकलीफ क्या है अगर नेताजी मेरे लिए वोट मांग रहे हैं. नेताजी दूर रहते हैं, तो मुझे औरंगजेब कहते हैं, नजदीक आए तो भी उनको तकलीफ होती है. आखिर बीजेपी की तकलीफ क्या है?

पहली बार असेंबली चुनाव लड़ने की वजह क्या है? क्या योगीजी लड़ रहे हैं इसलिए आप भी लड़ रहे हैं?

सवाल योगी जी का नहीं है, योगीजी जा रहे हैं. योगी जी को तस्वीर फोटोशॉप करनी पड़ रही है. उनके कार्यक्रम में जनता नहीं आ रही है. महंगाई, भ्रष्टाचार, अन्ना जानवर, बेरोजगारी पर वो लोग क्या जवाब देंगे.

इतना भरोसा बीजेपी को कहां से आ गया कि क्लीन स्वीप होगा? योगी जी कह रहे हैं कि 80 बनाम 20 का चुनाव है?

जो 80 बनाम 20 कर रहे हैं, 80 फीसदी जनता गठबंधन के साथ है. जयंत, राजभर, महान दल, अपना दल, स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान हमारे साथ हैं. मैंने दरवाजे बंद नहीं किए होते, तो एक-एक विधायक बीजेपी का आने को तैयार था. जिस तरीके से बीजेपी के लोग गांव में नहीं घुस पाए, उनके सांसद कूटे गए. उनके विधायकों का तिरस्कार हुआ, बताइए लोकतंत्र में ऐसा कभी हुआ?

आपने 2017 में कांग्रेस से गठबंधन किया, 2019 में बीएसपी से, पहले अलायंस पॉलिटिक्स नहीं चली, इस बार कैसे चलेगी? ये क्या नई सोशल इंजीनियरिंग है नॉन यादव ओबीसी वोट बैंक की?

सभी छोटे दल चाहते हैं कि जातिगत जनगणना हो. आरक्षण खत्म न हो. 69 हजार शिक्षक भर्ती का मुद्दा है. पिछड़ी जाति के लोग, अंबेडकरवादी, दलित सब हमारे साथ हैं. क्या बीजेपी जाति जनगणना कराएगी, इसका आंकड़ा देगी. बीजेपी जाति गणना क्यों नहीं करना चाहती है?

चुनाव में कहा जा रहा है कि ये चुनाव आपके लिए फाइनल टेस्ट है, ये नई सपा क्या है?

अगर कोई ऐसी बातें रही हों, जिससे जनता को ये लगता हो कि इस पार्टी से जुड़कर हमारा सपना पूरा नहीं हो सकता, इसीलिए हमने नई हवा नई सपा का नारा दिया. सबसे अच्छा एक्सप्रेसवे हमने बनाया. फ्रांस की तरह की मंडियां एक्सप्रेसवे के किनारे बना रहे थे, लैपटॉप बांटे. नई हवा नई सपा इसलिए कह रहे हैं कि आने वाले समय में रोजगार कैसे मिले. न्यूयॉर्क की पुलिस कैसे चलती है, ये देखने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को मैंने विदेश भेजा था. यूपी को पुलिस का बेस्ट रिस्पॉन्स सिस्टम दिया. बाबाजी ने सब खराब कर दिया.

तीन आरोप लगते हैं, पहला परिवारवाद का, ये कहा जाता है कि यादवों की पार्टी है?

जब मजदूर पैदल चलकर आए थे, गर्भवती मां पैदल चल कर आई, बेटी पैदा हुई और पैदल चलकर घर पहुंची. कोरोना के वक्त अस्पताल में ऑक्सीजन नहीं था. जानें गईं. अगर कोई परिवार वाला होता तो परिवार वालों का दुख दर्द समझ सकता है. जिनका परिवार नहीं वह उस दर्द को नहीं समझ सकता. अपने दायित्व, जिम्मेदारी को परिवारवाला ही समझ सकता है. बीजेपी के नंबर दो के नेता के बेटे क्या कर रहे हैं? रक्षा मंत्री के बेटे क्या कर रहे हैं? मठ से योगीजी का रिश्ता क्या था, वह भी तो परिवारवाद है.

दूसरा आरोप लगता है सुरक्षा को लेकर. कहा जाता है कि सपा का रिटर्न यानी माफियाराज का रिटर्न?

पिछले दिनों बीबीसी ने एक फैक्ट चेक किया. बीजेपी के नेता कह रहे हैं कि दंगे नहीं हुए. बीबीसी ने बताया है कि बीजेपी सरकार में ये दंगे हुए हैं, फैक्ट चेक आप करेंगे तो पाएंगे कि बीजेपी सरकार में कानून व्यवस्था बर्बाद हुई है.

दूसरा आरोप लगता है कि सपा आई तो यादवों की दबंगई होगी?

कम से कम सपा के सरकार में माफिया क्रिकेट नहीं खेलता. कोई मुख्यमंत्री बनारस की जेल में जाकर 3 घंटे किस-किस के साथ चाय पी रहा है. गोरखपुर में कोराबीर को मारा जाता है. हाथरस में क्या हुआ. कानून व्यवस्था को बीजेपी ने ध्वस्त कर दिया है.

तीसरा आरोप लगता है कि अखिलेश जी 12 बजे उठते हैं, बड़े आदमी के बेटे हैं?

जब से दो चरणों में चुनाव हारे हैं, जो गर्मी निकाल रहे थे, आप उनका चेहरा देखिए. गजवा ए हिंद की बात कह रहे हैं. आप पूछिए कि कौन सी भाषा है ये. मैं मिलिट्री स्कूल से पढ़ा हूं. मैं बाबजी से पहले उठता हूं. अगर वह चेक करना चाहें तो मुझे अपना मोबाइल नंबर दें. मैं सुबह उठकर कॉल कर दूंगा.

तीन चुनाव जीतने की वजह से ही बीजेपी हारेगी. इन्होंने बेरोजगारी बढ़ाई, महंगाई बढ़ाई इन्वेस्टमेंट आया नहीं. नोटबंदी, जीएसपी कोरोना की वजह से कारोबार ठप हुआ. जीएसटी नोटबंदी कोरोना ने व्यापारी को मार दिया.

कोविड की दूसरी महामारी में कहां थे अखिलेश? क्या कैंपेन लेट से शुरू किया?

जब लॉकडाउन हुआ तो मेरे कार्य़कर्ता सड़क पर खाना खिला रहे थे, मेरी पत्नी डिंपल और बेटी सड़क पर थीं. कोविड की दूसरी वेब में मैं 40 जिलों में होकर आया, 150 विधानसभाओं में ट्रेनिंग कैंप हुए. ये आज आपको जनसैलाब क्यों दिख रहा है? क्योंकि लोगों को लगता है कि हम उनके साथ हैं.

क्या सपा MY समीकरण से आगे निकल गई है?

हर वर्ग के लोग समाजवादी पार्टी से जुड़ गए हैं.

बीजेपी फ्री राशन की बात करती है?

राशन मार्च तक है, मार्च के बाद गरीबों को कौन खिलाएगा. हमारे मेनिफेस्टो में लिखा है कि न सिर्फ राशन देंगे, बल्कि पौष्टिक आहार, सरसों का तेल, घी भी समाजवादी पार्टी देगी. क्या इन्होंने दिल्ली के बजट में राशन का पैसा रखा है?

क्या यह अखिलेश के लिए करो या मरो की स्थिति है?

जनसैलाब को देख कर क्या आपको करो या मरो की स्थिति दिख रही है, यह फौज बीजेपी को हराएगी. इसमें हर जाति-बिरादरी के लोग हैं.

अंत में अखिलेश यादव ने कहा कि सीएम योगी को यूपी से हट जाना चाहिए ताकि यूपी विकास के रास्ते पर जाए. यह भी कहा कि एक योगी को झूठ नहीं बोलना चाहिए.

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