उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार, 11 जनवरी को योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया. मौर्य ने इस्तीफा देने के बाद मीडिया से बातचीत कर उनके सवालों का जवाब भी दिया.
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इस दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, “बीजेपी के नेताओं को लगता है कि वो बहुत बड़े तोप हैं, उस तोप को मैं 2022 के चुनाव में ऐसा दागूंगा कि उस तोप से भारतीय जनता पार्टी के नेता ही स्वाहा हो जाएंगे.”
बीजेपी के 300 प्लस सीट जीतने के दावे को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, “स्वामी प्रसाद मौर्य का जनाधार कितना है यह 2022 का विधानसभा चुनाव बताएगा…जहां हम रहेंगे सरकार वहां बनेगी.”
समाजवादी पार्टी (एसपी) चीफ अखिलेश यादव के साथ तस्वीर सामने आने पर मौर्य ने कहा, “अब वो फोटो कहां से ट्वीट किए हैं, मैं नहीं जानता, लेकिन मैं कहां, किससे बात करूंगा ये कार्यकर्ताओं से बात करने के बात तय होगा.”
एसपी में शामिल होने को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, “हमें बीजेपी में रहना है या बीजेपी के बाहर जाना है…ये निर्णय मैं अपने समर्थकों के साथ बात करके लूंगा.”
चुनाव समिति में जगह न मिलने के सवाल पर बीजेपी नेता मौर्य ने कहा,
“चुनाव समिति में मैं न पहले था न आज हूं. वो महत्त्व नहीं है. महत्त्व सम्मान और अपमान का है. किस तरह से आरक्षण की धज्जियां उड़ाई गईं, आरक्षण के साथ खिलवाड़ किया गया और यहां तक कि शिक्षक भर्ती में इन्होंने बाद में अपनी गलती को स्वीकार किया…ऐसी तमाम बातें हैं मैं एक-एक करके सब आपके सामने रखूंगा. एक-दो दिन में मैं यह स्पष्ट कर दूंगा कि कहां जाना है, कहां नहीं.”
स्वामी प्रसाद मौर्य
बदायूं सांसद और बीजेपी नेता संघमित्रा मौर्य से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा, “राजनीतिक निर्णय मैं ले रहा हूं, संघमित्रा मौर्य मेरी बेटी जरूर हैं, लेकिन वो बदायूं की सांसद भी हैं…मेरे फैसले से मेरे घर परिवार, बेटी-बेटे से कोई लेना देना नहीं है.”
आपको बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होने से पहले बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) में थे. बीएसपी के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए थे.
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