UP चुनाव: चौथे चरण का मतदान, कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर, जानें हॉट सीटों का किस्सा

कुमार अभिषेक

• 07:35 AM • 22 Feb 2022

लखनऊ उत्तर प्रदेश में चल रहे 2022 विधानसभा चुनाव के तीन चरण संपन्न हो चुके हैं और चौथे चरण के चुनाव के लिए 23 फरवरी…

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उत्तर प्रदेश में चल रहे 2022 विधानसभा चुनाव के तीन चरण संपन्न हो चुके हैं और चौथे चरण के चुनाव के लिए 23 फरवरी को मतदान होने जा रहा है. चौथे चरण में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ सहित कुल 9 जिलों की 5 दर्जन विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे. इस चरण में कुल 626 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, लेकिन इनमें कई ऐसे भी उम्मीदवार हैं, जो उत्तर प्रदेश की राजनीति में काफी रसूख रखते हैं. उनकी प्रतिष्ठा भी इस बार दांव पर लगी हुई है. आइए जानते हैं कि चौथे चरण में कौन-कौन से दिग्गज हैं, जो चुनाव मैदान में हैं.

लखनऊ की सरोजिनी नगर सीट से बीजेपी के राजेश्वर सिंह और एसपी के अभिषेक मिश्रा की प्रतिष्ठा दांव पर

राजधानी लखनऊ की सरोजिनी नगर विधानसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी राजेश्वर सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है.सरोजिनी नगर सीट काफी चर्चा में रह चुकी है. भाजपा की स्वाति सिंह,जो कि पहली बार इस सीट से जीतां और विधायक बनीं और फिर योगी सरकार में मंत्री बनीं. इस सीट को लेकर उनकी अनबन अपने पति दयाशंकर सिंह से रही. बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह भी इसी सीट से 2022 का चुनाव लड़ना चाहते थे. पति-पत्नी में टिकट को लेकर कलह हुई, जिसके चलते पार्टी ने दोनों को टिकट न देकर ईडी के निदेशक पद से वीआरस लेकर भाजपा में शामिल हुए राजेश्वर सिंह को सरोजनी नगर से अपना उम्मीदवार बनाया.

इस सीट पर समाजवादी पार्टी ने पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्रा को अपना उम्मीदवार बनाया है. अभिषेक मिश्रा समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता माने जाते हैं इसलिए समाजवादी पार्टी के लिए भी यह सीट प्रतिष्ठा का विषय बन गई है. सरोजिनी नगर की इस सीट पर कांग्रेस ने रुद्र दमन सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी की तरफ से जलीस खान मैदान में हैं.

लखनऊ की कैंट विधानसभा सीट से कानून मंत्री बृजेश पाठक मैदान में

लखनऊ की कैंट विधानसभा सीट पर भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. इस सीट पर योगी सरकार में कानून मंत्री बृजेश पाठक चुनाव मैदान में हैं. इससे पहले बृजेश पाठक लखनऊ मध्य से चुनाव जीते थे. लेकिन इस बार सीट बदल कर अब बगल की कैंट विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं. इस सीट पर बृजेश पाठक की टक्कर समाजवादी पार्टी के सुरेंद्र गांधी से है, जबकि बहुजन समाज पार्टी ने इस सीट से अनिल पांडे को मैदान में उतारा है. वहीं कांग्रेस ने दिलप्रीत सिंह पर दांव खेला है.

लखनऊ पूर्व विधान सीट से सपा के अनुराग भदौरिया की किस्मत दांव पर

लखनऊ पूर्व की बात करें तो यहां से भाजपा ने अपने कैबिनेट मंत्री और लालजी टंडन के बेटे,आशुतोष टंडन को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. वहीं, समाजवादी पार्टी ने अपने प्रदेश प्रवक्ता और सरकार में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री रहे अनुराग भदौरिया को भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ मैदान में उतारा है. बसपा ने आशीष सिन्हा पर दांव खेलते हुए विरोधियों के खिलाफ चुनाव में उतारा है. वहीं कांग्रेस ने मनोज तिवारी को अपना प्रत्याशी बनाया है. इस सीट पर भी दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है.

रायबरेली सदर सीट से अदिति सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर

चौथे चरण में सोनिया गांधी का गढ़ कहे जाने वाले रायबरेली में भी मतदान होने जा रहा है. रायबरेली की सदर विधानसभा में बीजेपी की प्रत्याशी अदिति सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. अदिति सिंह के पिता कांग्रेस से 1993 से 2017 तक लगातार विधायक रहे और 17 में अदिति ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीता. इस बार अदिति सिंह बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं. हाल ही में अदिति सिंह ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन किया था.अदिति सिंह के पक्ष में अमित शाह से लेकर योगी आदित्यनाथ तक सभाएं कर चुके है.अदिति सिंह के सामने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी आरपी यादव हैं, जो पहले भी 2012 का विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं. कांग्रेस ने इस सीट पर मनीष सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है जबकि बहुजन समाज पार्टी ने मोहम्मद अशरफ को चुनाव मैदान में उतारा है.

ऊंचाहार मे सपा के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री मनोज पांडे की साख दांव पर

ऊंचाहार विधानसभा रायबरेली जिले की हॉट सीट बन चुकी है. दो बार के समाजवादी पार्टी के विधायक और मंत्री रहे मनोज पांडे एक बार फिर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी हैं. उनके सामने भारतीय जनता पार्टी के अमरपाल मौर्य हैं, जो संगठन के प्रदेश महामंत्री हैं. अमित शाह और राजनाथ सिंह भी उनके पक्ष में चुनावी रैलियां कर चुके हैं. एक तरफ जहां जैसी समाजवादी पार्टी के लिए प्रतिष्ठा पर बनी हुई है. वहीं भारतीय जनता पार्टी के लिए भी यह सीट काफी महत्वपूर्ण है. इस सीट पर अतुल सिंह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. बहुजन समाज पार्टी ने इस सीट पर अंजली मौर्या को चुनाव मैदान में उतारा है.

हरदोई सदर से नितिन अग्रवाल चुनाव मैदान में

हरदोई सदर सीट से भारतीय जनता पार्टी ने नितिन अग्रवाल को अपना उम्मीदवार बनाया है. उनका सीधा मुकाबला सपा के अनिल वर्मा से है. नितिन अग्रवाल नरेश अग्रवाल के बेटे हैं नितिन अग्रवाल 2017 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ कर जीते थे. लेकिन 2018 में नरेश अग्रवाल राज्यसभा का टिकट ना मिलने पर समाजवादी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. तब से नितिन भी बीजेपी में ही थे. नितिन अग्रवाल समाजवादी पार्टी सरकार में स्वास्थ्य राज्यमंत्री और स्वतंत्र प्रभार का लघु उद्योग विकास मंत्री रहे थे. इस सीट पर बसपा से शोभित पाठक उर्फ सनी और कांग्रेस से आशीष कुमार सिंह चुनाव मैदान में हैं.

संडीला से SBSP के प्रदेश अध्यक्ष चुनाव मैदान में

हरदोई के संडीला सीट से ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुहेलदेव समाज पार्टी की भी प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है. सुभासपा और समाजवादी पार्टी के गठबंधन ने यहां से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील अर्कवंशी को उम्मीदवार बनाया गया है. बीजेपी से अलका सिंह चुनाव मैदान में हैं. वही बहुजन समाज पार्टी ने अपने पूर्व मंत्री अब्दुल मन्नान को उतारा है.ऐसे में बसपा और सुभासपा दोनों की प्रतिष्ठा यहां दांव पर लगी है.

(मोहनलालगंज से सत्यम मिश्रा,रायबरेली से शैलेंद्र प्रताप सिंह, फतेहपुर से नितेश श्रीवास्तव और हरदोई से प्रशांत पाठक के इनपुट के साथ.)

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