काशी: ‘भगवान को भी लगी ठंड’, शीतलहर से बचाने के लिए मूर्तियों को पहनाए गए ऊनी कपड़े
वाराणसी में भगवान की मूर्तियों को भी ठंड और शीतलहर से बचाने के लिए टोपी, कंबल और ऊनी वस्त्र पहनाए जाने का काम शुरू हो…
ADVERTISEMENT
वाराणसी में भगवान की मूर्तियों को भी ठंड और शीतलहर से बचाने के लिए टोपी, कंबल और ऊनी वस्त्र पहनाए जाने का काम शुरू हो गया है.
गोलघर इलाके में प्राचीन सिद्धिदात्री मंदिर में स्थित मूर्तियों को ऊनी वस्त्रों से ढक दिया गया है.
यह भी पढ़ें...
ADVERTISEMENT
ऐसा ही कुछ नजरा मैदागिन में संकट हरण शनि देव महाराज मंदिर, लोहटिया में राम जानकी मंदिर और बड़ा गणेश मंदिर में भी देखना को मिला.
बड़ा गणेश मंदिर के पुजारी रामजतन तिवारी ने बताया कि कार्तिक मास की बैकुंठ चतुर्दशी से भगवान को ऊनी वस्त्र धारण करा दिया जाता है, जो बसंत पंचमी तक पहनाया जाता है.
ADVERTISEMENT
उन्होंने कहा कि काशी के अंदर सभी देवालयों में भगवान को गर्म कपड़ा पहनाया जाता है, क्योंकि भाव की पूजा होती है.
रामजतन तिवारी ने बताया कि जैसे हम गर्म कपड़े पहनते हैं वैसे ही यह मानकर कि भगवान को भी ठंड लगती होगी, हम उनको भी गर्म कपड़े पहनाते हैं.
ADVERTISEMENT
उन्होंने बताया कि भक्त होने के नाते और भाव की पूजा के चलते हम उन्हें गर्म कपड़े पहनाते हैं.
ADVERTISEMENT